बिहटा में अवैध शराब की कई भट्ठियों को पुलिस ने किया ध्वस्त, कारोबारी समेत कई लोग फरार
पटना। राजधानी पटना के बिहटा में शुक्रवार को पुलिस ने अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई की। पुलिस ने यहां पर चल रहे अवैध शराब की कई भट्ठियों को नष्ट किया, हालांकि इस दौरान पुलिस ने भारी मात्रा में शराब बरामद करते हुए उसे भी नष्ट किया लेकिन छापेमारी के दौरान वहां से कारोबारी समेत कई लोग भागने में कामयाब रहे जिनकी तलाश पुलिस कर रही है। लगभग 6000 लीटर देसी शराब को नष्ट कर दिया। पुलिस अब फरार माफिया और अन्य संबंधित आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है। बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद अवैध शराब का कारोबार कई क्षेत्रों में जारी है। खासकर सोन नदी के किनारे बसे बिहटा थाना क्षेत्र में यह समस्या गंभीर है। बिहटा थानाध्यक्ष राजकुमार पांडेय ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि बिहटा के सोन नदी के किनारे अवैध रूप से शराब का कारोबार चल रहा है और बड़े पैमाने पर शराब का निर्माण भी किया जा रहा है। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई का निर्णय लिया और छापेमारी के लिए टीम का गठन किया। पुलिस की टीम जैसे ही बिहटा पहुंची, वहां चल रही अवैध शराब की भट्ठियों पर छापा मारा गया। इस दौरान पुलिस ने करीब 6000 लीटर देसी शराब को मौके पर ही नष्ट कर दिया। शराब माफिया पुलिस की उपस्थिति को देखते ही घबरा गए और उन्होंने अपनी भट्ठियों पर खुद ही आग लगा दी। यह उनके ठिकानों को नष्ट करने का प्रयास था ताकि सबूत न बचे। पुलिस ने हर एक भट्ठी को ध्वस्त कर दिया और मौके पर मौजूद शराब को नष्ट कर दिया। पुलिस के अनुसार, अवैध शराब कारोबारियों में से कई पुलिस को देखकर भागने में कामयाब हो गए। फरार होने वाले प्रमुख माफियाओं की पहचान कर ली गई है, और पुलिस अब उनकी तलाश में जुटी है। इसके लिए आस-पास के क्षेत्रों में भी निगरानी बढ़ाई जा रही है ताकि उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जा सके। बिहटा थानाध्यक्ष राजकुमार पांडेय ने बताया कि अवैध शराब के कारोबार को रोकने के लिए पुलिस निरंतर अभियान चला रही है। पिछले तीन दिनों में भी पुलिस ने कई महत्वपूर्ण कार्रवाइयां की हैं। इस अवधि में पुलिस ने 4 शराब कारोबारियों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से 500 लीटर से अधिक देसी शराब और कई वाहनों को जब्त किया गया है। यह कार्रवाई पुलिस की इस प्रतिबद्धता को दर्शाती है कि अवैध शराब के कारोबार को जड़ से खत्म किया जाएगा। बिहार में शराबबंदी लागू होने के बावजूद अवैध शराब का कारोबार अभी भी सक्रिय है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि मुनाफे का आकर्षण और शराब माफियाओं का संगठित नेटवर्क। बिहार सरकार द्वारा शराबबंदी का नियम सख्ती से लागू करने के बावजूद, माफिया अपनी गतिविधियों को अलग-अलग तरीकों से जारी रखने का प्रयास करते रहते हैं। पुलिस के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गया है कि वे न केवल इन माफियाओं पर लगाम लगाएं बल्कि शराब के अवैध कारोबार को पूरी तरह से खत्म करें। बिहटा थाना क्षेत्र में पुलिस की इस बड़ी कार्रवाई से यह उम्मीद की जा रही है कि स्थानीय माफिया और उनके समर्थक अवैध शराब के कारोबार से दूर रहेंगे। लेकिन यह भी स्पष्ट है कि जब तक पुलिस लगातार इस तरह की कार्रवाई जारी नहीं रखेगी, तब तक इन माफियाओं को नियंत्रित करना मुश्किल हो सकता है। बिहटा पुलिस ने यह साफ कर दिया है कि अवैध शराब के कारोबार के खिलाफ उनकी मुहिम आगे भी जारी रहेगी। थानाध्यक्ष राजकुमार पांडेय ने बताया कि पुलिस न केवल नियमित छापेमारी करेगी बल्कि ऐसे क्षेत्रों में अपनी निगरानी बढ़ाएगी जहां अवैध शराब के कारोबार की संभावनाएं अधिक हैं। इसके साथ ही, पुलिस स्थानीय लोगों को भी इस तरह के कारोबार के बारे में सतर्क करने का प्रयास कर रही है ताकि वे इन गतिविधियों की सूचना पुलिस को दें और अवैध शराब कारोबार को खत्म करने में सहयोग करें। पुलिस प्रशासन ने इस घटना से यह निष्कर्ष निकाला है कि अवैध शराब के माफिया अपनी गतिविधियों को छुपाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं, यहां तक कि अपने ठिकानों को आग के हवाले करना भी उन्हें मंजूर है। इस प्रकार के संगठित अपराध से निपटने के लिए पुलिस को न केवल अधिक सतर्कता बरतनी होगी बल्कि उनकी योजनाओं को समय रहते विफल करने के लिए एक ठोस रणनीति भी बनानी होगी। बिहटा में पुलिस की इस कार्रवाई ने शराब माफिया को एक सख्त संदेश दिया है कि अवैध शराब का कारोबार अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस द्वारा 6000 लीटर शराब का नष्ट किया जाना और अवैध शराब भट्ठियों का ध्वस्त करना यह दर्शाता है कि पुलिस इस दिशा में पूरी गंभीरता से काम कर रही है। हालांकि, माफियाओं का फरार होना यह भी संकेत करता है कि पुलिस को इन पर पूरी तरह से लगाम लगाने के लिए और भी सतर्कता बरतनी होगी। बिहार में शराबबंदी कानून को प्रभावी बनाने के लिए पुलिस और प्रशासन को लगातार ऐसी कार्रवाइयों को अंजाम देना होगा, ताकि अवैध शराब कारोबारियों को यह संदेश पहुंचे कि अब उनके लिए कोई जगह नहीं है।