मसौढ़ी में 6 की लाख शराब को पुलिस ने किया जब्त, मुख्य सरगना फरार, छापेमारी जारी
मसौढ़ी। बिहार के मसौढ़ी में पुलिस ने अवैध शराब के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। संगत गांव में छापेमारी के दौरान 6 लाख रुपये मूल्य की 1350 बोतल अंग्रेजी शराब जब्त की गई है। हालांकि, मुख्य सरगना मौके से फरार होने में सफल रहा। पुलिस ने शराब माफिया के नेटवर्क को तोड़ने के लिए जांच तेज कर दी है। मसौढ़ी थाना प्रभारी उत्तम कुमार ने बताया कि उन्हें संगत गांव में अवैध शराब के कारोबार की सूचना मिली थी। सूचना के आधार पर पुलिस ने एक विशेष टीम का गठन किया और छापेमारी की योजना बनाई। छापेमारी के दौरान शराब की बड़ी खेप बरामद हुई। शराब को बिस्किट के कार्टून में छिपाकर रखा गया था ताकि किसी को शक न हो। पुलिस जांच में पता चला कि यह मकान रामबरत दास का है। रामबरत दास का बेटा रोशन कुमार और उसका साथी सिंटू यादव इस अवैध कारोबार को संचालित कर रहे थे। शराब की यह खेप उत्तर प्रदेश से मंगाई गई थी और इसे पटना के विभिन्न इलाकों में सप्लाई किया जाना था। छापेमारी के दौरान मुख्य सरगना रोशन कुमार और उसका साथी सिंटू यादव मौके से फरार हो गए। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है। थाना प्रभारी ने कहा कि दोनों अपराधियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद भी अवैध शराब का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। शराब माफिया अलग-अलग तरीकों से राज्य में शराब की सप्लाई कर रहे हैं। संगठित गिरोह उत्तर प्रदेश, झारखंड और अन्य राज्यों से शराब मंगाकर बिहार में इसकी तस्करी कर रहे हैं। शराब को बिस्किट के कार्टून, सब्जी की गाड़ियों, और अन्य सामान्य सामानों के बीच छिपाकर रखा जाता है। शराब माफिया ने डिलीवरी के लिए एक संगठित नेटवर्क तैयार किया है। इसमें वाहनों और स्थानीय एजेंटों का इस्तेमाल होता है। शराब को गांवों और छोटे कस्बों में ऐसे मकानों में छिपाया जाता है, जो मुख्य सड़कों से दूर हों। राज्य में शराबबंदी कानून लागू है, लेकिन इसे प्रभावी ढंग से लागू करने में चुनौतियां हैं। शराब माफिया संगठित तरीके से काम कर रहे हैं, जिससे पुलिस के लिए इन पर शिकंजा कसना मुश्किल हो रहा है। कई बार स्थानीय लोग भी इस कारोबार में शामिल होते हैं, जिससे तस्करी के रैकेट का खुलासा करना मुश्किल हो जाता है। अवैध शराब के कारोबार को खत्म करने के लिए नागरिकों की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। स्थानीय लोग पुलिस को ऐसी गतिविधियों की सूचना देकर इस समस्या के समाधान में मदद कर सकते हैं। मसौढ़ी में 6 लाख की शराब जब्ती बिहार में अवैध शराब तस्करी के बढ़ते खतरे को उजागर करती है। पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है, लेकिन मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी अभी बाकी है। शराबबंदी कानून के प्रभावी कार्यान्वयन और तस्करों के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए प्रशासन और जनता को मिलकर प्रयास करना होगा। शराब के अवैध कारोबार को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई और जागरूकता दोनों की आवश्यकता है।