अस्पताल में भर्ती चंपई सोरेन से पीएम ने फोन पर बात, स्वास्थ्य का जाना हालचाल
नई दिल्ली। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की तबीयत अचानक बिगड़ने के बाद उन्हें जमशेदपुर के टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) में भर्ती कराया गया। चंपई सोरेन, जो झारखंड की राजनीति में एक प्रमुख और अनुभवी नेता हैं, की तबीयत बिगड़ने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे फोन पर बातचीत की और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी, क्योंकि चंपई सोरेन का झारखंड की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान है। रविवार, 6 अक्टूबर को चंपई सोरेन को साहिबगंज में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करने जाना था। साहिबगंज के बरहेट में यह सभा आयोजित थी, जहां सोरेन का दौरा तय था। लेकिन अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई, जिससे इस दौरे को रद्द करना पड़ा। उनकी तबीयत खराब होने का कारण उनके शुगर लेवल में तेजी से उतार-चढ़ाव बताया गया। इससे घबराए उनके परिवार और सहयोगियों ने तत्काल उन्हें चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई। आनन-फानन में उन्हें जमशेदपुर के टीएमएच अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्हें विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम के देखरेख में रखा गया है। डॉक्टर उनकी सेहत पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और उनकी हालत में सुधार हो रहा है। सोमवार की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद चंपई सोरेन से फोन पर बातचीत की और उनका हालचाल जाना। प्रधानमंत्री का यह कदम न सिर्फ राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह मानवीय दृष्टिकोण से भी सराहनीय है। पीएम मोदी ने चंपई सोरेन से उनकी तबीयत के बारे में विस्तार से जानकारी ली और उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की। चंपई सोरेन के परिवार और सहयोगियों ने प्रधानमंत्री के इस फोन कॉल की सराहना की और इसे एक सकारात्मक संकेत माना। प्रधानमंत्री का यह व्यक्तिगत संपर्क दिखाता है कि वे देश के वरिष्ठ नेताओं की सेहत को लेकर चिंतित हैं और मानवीय दृष्टिकोण से उनका समर्थन करते हैं, चाहे वे किसी भी राजनीतिक दल से जुड़े हों। यह कदम चंपई सोरेन के प्रति सम्मान और सहयोग का भी प्रतीक है। उनकी तबीयत बिगड़ने की खबर से झारखंड की राजनीति में हलचल मच गई, क्योंकि चंपई सोरेन राज्य के महत्वपूर्ण नेताओं में से एक हैं। झामुमो के कई नेता और कार्यकर्ता भी उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं और उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं। टीएमएच में चंपई सोरेन की हालत को स्थिर बताया गया है। डॉक्टरों की एक टीम उनकी सेहत पर लगातार नजर रखे हुए है और उनके शुगर लेवल को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। परिवार के सदस्यों और पार्टी के सहयोगियों ने अस्पताल में उनकी देखरेख की व्यवस्था सुनिश्चित की है। फिलहाल उनकी हालत स्थिर है और डॉक्टरों ने बताया है कि स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, ने भी उनके स्वास्थ्य के बारे में चिंता व्यक्त की और उनके जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना की। राज्य के अन्य वरिष्ठ नेताओं और राजनीतिक दलों के सदस्यों ने भी चंपई सोरेन के प्रति संवेदना व्यक्त की और उनके जल्द ठीक होने की कामना की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चंपई सोरेन से बातचीत करने का कदम एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और सामाजिक संदेश देता है। यह दिखाता है कि भले ही राजनीतिक विचारधाराएं अलग-अलग हों, लेकिन मानवीय संबंध और सम्मान के स्तर पर एकता होनी चाहिए। प्रधानमंत्री का यह कदम न केवल उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि राजनीति के परे जाकर नेताओं को एक-दूसरे का साथ देना चाहिए। चंपई सोरेन के स्वास्थ्य में सुधार की खबर उनके समर्थकों और झारखंड के लोगों के लिए राहत की बात है। इस घटनाक्रम ने एक बार फिर यह साबित किया है कि चंपई सोरेन जैसे वरिष्ठ नेता झारखंड की राजनीति में एक मजबूत स्तंभ बने हुए हैं, और उनके स्वास्थ्य को लेकर सभी चिंतित हैं। चंपई सोरेन की तबीयत बिगड़ने की खबर ने न केवल उनके परिवार और समर्थकों को चिंता में डाल दिया, बल्कि झारखंड की राजनीति में भी हलचल पैदा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का व्यक्तिगत रूप से उनसे फोन पर बात करना न केवल संवेदनशीलता का प्रतीक है, बल्कि राजनीतिक सहयोग और समर्थन का भी एक महत्वपूर्ण संकेत है। फिलहाल, चंपई सोरेन की हालत स्थिर बताई जा रही है, और उनके जल्द स्वस्थ होने की उम्मीद की जा रही है।