September 22, 2024

मानव बल की बहाली निरस्त करने के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में याचिका, जानें क्या है मामला

मुजफ्फरपुर। स्वास्थ्य विभाग की मानव बल की बहाली निरस्त करने के खिलाफ पटना हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। कोरोना से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग इनकी सेवा ले रहा था।

यह याचिका एएनएम कंचन कुमार सहित 82 मानव बलों ने दाखिल की है। इसमें प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव, मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन व डीएम को प्रतिवादी बनाया गया है।

कंचन कुमारी के अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने बताया कि हाईकोर्ट में एक आपराधिक याचिका दाखिल की गई है। इसमें कोर्ट को बताया गया कि कोरोना काल में संक्रमण की रोकथाम के लिए सिविल सर्जन ने मानव बलों की नियुक्ति की। ये तीन माह के लिए की गई थीं।

एक माह काम करने के बाद मुजफ्फरपुर के डीएम के आदेश पर बहाली को निरस्त कर दिया गया। इस आदेश में कहा गया कि कोविड-19 के तहत अब संक्रमण खत्म हो चुका है।

इसके विरोध में मानव बल के आंदोलन पर सिविल सर्जन ने फिर से एक पत्र निर्गत निरस्तीकरण रद करते हुए सभी को काम पर वापस लौटने का पत्र जारी किया। इसके कई दिनों के बाद प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने सभी मानव बलों की नियुक्ति निरस्त कर दी।

याचिका में कहा गया है कि जान जोखिम में डालकर मानव बलों ने कोरोना संक्रमण के बीच एक माह तक काम किया। इस अवधि के वेतन का भी भुगतान नहीं किया गया।

कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि उनकी बहाली को निरस्त करना गैरकानूनी है। उन्हें फिर से काम पर लौटाने व स्वास्थ्य विभाग रिक्त पदों पर बहाली में उन्हें प्राथमिकता देने का आदेश दे।

 

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