आधी रात बाद अचानक बदला पटना का मौसम, तेज हवाओं और बारिश ने दी गर्मी से राहत

फुलवारीशरीफ (अजीत)। राजधानी पटना में आधी रात के बाद मौसम ने अचानक करवट ले ली। गर्म हवाओं और उमस से परेशान लोगों को उस वक्त राहत मिली जब तेज रफ्तार ठंडी हवाओं ने आसमान को घेर लिया और शहर के तापमान में गिरावट आ गई। सुबह होते-होते आसमान काले बादलों से ढक गया और हल्की से मध्यम बारिश शुरू हो गई। सुबह-सुबह उठने वाले लोगों ने जब बाहर झांका, तो नज़ारा बिल्कुल बदला हुआ था। ठंडी हवाओं के कारण कई लोगों को पंखे बंद करने पड़े। कुछ लोगों ने चादर ओढ़ ली तो कुछ गर्म चाय की तलाश में दुकानों की ओर निकल पड़े। मौसम में अचानक आए इस बदलाव से आमजन को भीषण गर्मी से बड़ी राहत मिली है, जो पिछले कुछ दिनों से राजधानी में लगातार बनी हुई थी।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र, पटना ने 18 अप्रैल को सुबह 7:29 बजे ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए बताया कि नालंदा, नवादा, शेखपुरा, लखीसराय, मुंगेर, बेगूसराय और खगड़िया जिलों के कुछ हिस्सों में अगले दो से तीन घंटे में तेज हवाओं, वज्रपात और बारिश की संभावना है। हवाओं की गति 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
जनजीवन पर असर
इस मौसम बदलाव का असर सबसे पहले सड़क और बाजारों में देखने को मिला। बारिश के कारण कई जगहों पर जलजमाव शुरू हो गया, जिससे ऑफिस जाने वालों और स्कूल जाने वाले बच्चों को परेशानी हुई। सड़कों पर फिसलन बढ़ गई और वाहन चालकों को सतर्कता बरतनी पड़ी।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
अचानक ठंडक बढ़ने से सर्दी-खांसी और जुकाम के मामलों में इज़ाफा हो सकता है। डॉक्टरों ने पहले से ही बुजुर्गों, बच्चों और श्वसन संबंधित बीमारियों से ग्रस्त लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। भीगने या ठंडी हवा में ज्यादा देर रहने से सर्दी या वायरल संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
किसानों के लिए चिंता
बारिश और तेज हवाओं का असर खेतों पर भी पड़ सकता है। जिन किसानों ने हाल ही में धान या सब्जियों की बुआई की है, उन्हें नुकसान हो सकता है। मौसम विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे खेतों में न जाएं और मौसम सामान्य होने तक इंतजार करें।
क्या करें, क्या न करें
खुले में ना निकलें, सुरक्षित स्थान पर रहें।
ऊँचे पेड़ों और बिजली के खंभों से दूर रहें।
वाहन चलाते समय विशेष सावधानी बरतें।
बच्चों और बुजुर्गों को ठंडी हवा से बचाएं।
ताज़ा मौसम जानकारी के लिए मौसम विभाग की वेबसाइट या सोशल मीडिया से जुड़ें।

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