SUPER EXCLUSIVE: संशय के घेरे में पटना पुलिस की मिनी गन फैक्ट्री वाली उपलब्धि, गिरफ्तार अवधेश राय के परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप
पेश किए सीसीटीवी फुटेज तथा फोटो
पटना। राजधानी की पुलिस की कार्रवाई एक बार फिर संदेह के घेरे में है। विगत 24 अक्टूबर को पटना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए शाहपुर थाना क्षेत्र में एक मिनी गन फैक्ट्री का उद्घभेदन करते हुए अवधेश राय नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। मगर इस मामले में गिरफ्तार अवधेश राय के परिजनों के मुताबिक मामला एक बड़ी साजिश है। परिजनों ने पटना पुलिस के कार्य शैली को कटघरे में खड़ा करते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। अपने आरोपों के प्रमाण के तौर पर गिरफ्तार अवधेश राय के परिजनों ने सीसीटीवी फुटेज तरफ फोटो भी उपलब्ध करवाए हैं। जिसे देखकर पटना पुलिस के मिनी गन फैक्ट्री के आवेदन वाली बात पर सहसा ही संशय उत्पन्न होता है।
मामला शाहपुर थाना के हाथियाकन्द गांव के अवधेश राय का है। पटना पुलिस के अनुसार अवधेश राय अपने घर में मिनी गन कारखाना लगा कर हथियार का निर्माण तथा तस्करी करता था।पुलिस एफआईआर के अनुसार शाहपुर थाना प्रभारी नसीम अहमद के बयान मुताबिक पुलिस ने एफआइआर में जिक्र किया है कि उन्हें वरीय अधिकारी के द्वारा 24 अक्टूबर के दिन में करीब 3:00 बजे शाहपुर में मिनी गन फैक्ट्री होने की गुप्त सूचना मिली थी।जिसके आधार पर वरीय अधिकारी के निर्देशानुसार शाहपुर थाना प्रभारी नसीम अहमद,रूपसपुर थाना प्रभारी राजेश कुमार सिन्हा तथा मनेर थाना प्रभारी राजीव कुमार ने संयुक्त रूप से शाहपुर के हत्याकांड स्थित अवधेश राय के घर में शाम करीब 5:45 बजे छापामारी की जिसमें आरोपी के घर से चार देसी पिस्तौल समेत हथियार बनाने के अन्य उपकरण बरामद हुए। जबकि इस मामले में गिरफ्तार अवधेश राय की पत्नी लक्ष्मीनिया देवी के द्वारा पटना के एसएसपी को 31 अक्टूबर को दिए गए आवेदन के अनुसार,उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया है कि उनके पति अवधेश राय को पुलिस 19 अक्टूबर के शाम में सराय बाजार में रोक कर उनकी मोटरसाइकिल संख्या बीआर 01 बी जेड 5605 को पकड़ कर रख लिया और मूल दस्तावेज लाने को कहा।
बकौल परिजन जब अवधेश 20 अक्टूबर को सराय पुलिस चौकी वाहन के मूल दस्तावेज लेकर गए तो उन्हें पकड़ कर पुलिस मनेर थाना ले गई।जहां 20 की रात को उन्हें रखे रखा गया।उसके बाद 21 अक्टूबर को उन्हें वहां से रूपसपुर थाना ले जाया गया जहां 23 अक्टूबर तक उन्हें हाजत में बंद कर रखा गया। 24 अक्टूबर को पुलिस अवधेश राय को लेकर शाहपुर थाना आयी। जिसके बाद शाम में पुलिस उसे साथ में लाकर घर में छापामारी की कार्रवाई की। इसमें हैरत की बात यह है कि अपने रिपोर्ट में पुलिस शाम में छापामारी करने की बात कह रही है, वह भी गुप्त सूचना के मुताबिक।
जबकि सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि आरोपी को उसी दिन पुलिस 24 अक्टूबर को 1:30 बजे अपने साथ स्कॉर्पियो से लेकर गांव में आई थी।सीसीटीवी फुटेज तथा फोटो देखकर यह शंका बलवती होती है कि परिजनों का आरोप बिल्कुल निराधार नहीं लगते हैं। इस मामले में फिर से जांच का विषय बनता प्रतीत होता है। अपने आवेदन में गिरफ्तार अवधेश राय की पत्नी ने पुलिस पर आरोप लगाया कि टुनटुन राय नामक व्यक्ति के उकसाने पर पुलिस ने उनके पति को फसाया है। पुलिस ने छापामारी में जप्त सूची की गवाही में स्थानीय लोगों को न लेकर हवलदार श्रवण कुमार तथा सिपाही राजीव रंजन को गवाह बनाया। आवेदिका ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
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