PATNA : बिहार में जाति जनगणना के मामले पर पटना हाईकोर्ट में आज होगी सुनवाई
पटना। हाईकोर्ट में आज बिहार में हो रही जातीय गणना पर रोक लगाने वाली याचिका पर सुनवाई होगी। इस याचिका पर सोमवार को ही सुनवाई होनी थी लेकिन कल सुनवाई टल गई थी। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस विनोद चंद्रन और जस्टिस मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सप्ताह हाईकोर्ट को तीन दिन के भीतर इस याचिका पर सुनवाई का आदेश दिया था। आज इस मामले पर सुनवाई होगी। संभावना जताई जा रही है कि जातीय गणना को लेकर हाई कोर्ट बड़ा फैसला ले सकता है। जातीय गणना पर रोक लगाने ने लिए पटना हाई कोर्ट में आज सुनवाई होनी है। जातीय गणना कराने के बिहार सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। इस याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकार को जातीय गणना कराने का संवैधानिक अधिकार नहीं है। साथ ही इस पर खर्च हो रहा 500 करोड़ रुपए भी टैक्स के पैसों की बर्बादी है। इससे पहले बिहार में जाति आधारित गणना पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस टीएस नरसिम्हा ने मामले पर सुनवाई की थी।
वही शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता को आदेश दिया कि वे पहले हाईकोर्ट में जाए। अगर वे निचली अदालत के फैसले से संतुष्ट नहीं होते हैं तो फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हाईकोर्ट को तीन दिन के भीतर इस याचिका पर सुनवाई करके अंतरिम आदेश जारी करने का निर्देश दिया था। बिहार में जनवरी 2023 में जातीय गणना की शुरुआत हुई थी। पहले चरण में मकानों की गिनती की गई। इसके बाद 15 अप्रैल को जाति गणना का दूसरा चरण शुरू हुआ, जिसके 15 मई तक पूरा होने के आसार हैं। दूसरे चरण में प्रगणक घर-घर जाकर लोगों से जाति के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक स्थिति से जुड़े सवाल पूछ रहे हैं। नीतीश सरकार भारी भरकम खर्च के साथ जातीय गणना करा रही है। अगर अदालत से इस पर रोक लगती है, तो सरकार को बड़ा झटका लग सकता है।