मसौढ़ी-समीर हत्याकांड में पुलिस पर मुख्य आरोपी को ‘बक्शने’ का आरोप,केंद्रीय मंत्री का किया घेराव

मसौढी।थाना के कश्मीरगंज मोहल्ले में पिछले गुरूवार की देर रात जुआ खेलने के दौरान रकम वापसी को लेकर हुए विवाद में कुछ युवकों द्वारा समीर की हत्या का मामला रविवार को उस वक्त तूल पकड लिया जब मृतक के परिजनों व मोहल्ल्ेवालों ने पुलिस पर दर्ज प्राथमिकी में मुख्य आरोपी समेत अन्य कुछ आरोपितों का नाम दर्ज न करने का आरोप लगा केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव का घेराव किया। मंत्री ने उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया। गौरतलब है कि बीते गुरूवार की देर रात कुछ युवकों ने जुआ खेलने के दौरान रकम वापसी की मांग को लेकर हुए विवाद में काश्मीरगंज निवासी अपने नाना के घर रहनेवाले 15 वर्षीय किशोर समीर कुमार उर्फ विदूर की चाकू से गोदकर व ईंट और रड से मारकर हत्या कर दी थी। इधर रविवार की देर शाम जब केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव छठ को लेकर स्थनीय मणिचक स्थित तालाब घाट का मुआयना करने पहुंचे तो समीर के परिजनों व मोहल्ल्ेवालों ने उन्हें घेर लिया और पुलिस पर मुख्य आरोपी समेत अन्य कुछ आरोपितों का नाम प्राथमिकी में दर्ज न करने की शिकायत की। उन्होंने मंत्री से मुख्य आरोपी समेत अन्य कुछ आरोपितों पर कारवाई करने की मांग की। मंत्री ने उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।

इसके पूर्व परिजनों ने एसडीओ व एसडीपीओ का घेराव कर पुलिस पर लगाया मनमानी का आरोप
छठ को लेकर जब रविवार को एसडीओ संजय कुमार,एसडीपीओ सोनू कुमार राय व थानाध्यक्ष शंभू यादव मणिचक तालाब घाट का निरीक्षण करने व तैयारी का मुआयना करने पहुंचे तो समीर के परिजनों व मोहल्ल्ेवालों जिसमें महिलाओं की संख्या अधिक थी ने उनका घेराव किया। उनका आरोप था कि प्राथमिकी दर्ज करने के लिए मृतक के पिता सुरेंद्र प्रसाद से पुलिस ने एक सादे कागज पर हस्ताक्षर करा लिया और वे इस मामले में जिन आरोपितों का नाम बताए थे उनमें से मुख्य आरोपी समेत अन्य का नाम प्राथमिकी में अंकित नहीं किया गया। इस कारण मुख्य आरोपी समेत घटना में शामिल कुछ अन्य युवक छूट्टे घूम रहे हैं और पुलिस अपने मनमुताबिक चार आरोपितों का नाम दर्ज कर व उन्हें जेल भेज अपनी पीठ थपथपा रही है। उन्होंने मुख्य आरापी समेत अन्य कुछ युवकों का नाम प्राथमिकी में दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की।
क्या कहते हैं एसडीपीओ
एसडीपीओ सोनू कुमार राय ने बताया कि मृतक के परिजन जिन लोगों का नाम प्राथमिकी में दर्ज न करने का आरोप लगा रहे हैं छानबीन में वे युवक कहीं से दोषी नहीं पाए गए हैं। बाबजूद अगर मृतक के परिजन उनका नाम लिखकर देते हैं तो उसकी फिर से जांच कर उनके खिलाफ विधिसम्मत कारवाई सुनिश्चित की जाएगी।