निलंबित IPS अफसर का पटना सिविल कोर्ट में आत्मसमर्पण : पिछले 7 माह से पुलिस कर रही थी तलाश, जालसाजी व ठगी का लगा है आरोप
पटना। गया के तत्कालीन SSP आदित्य कुमार ने आत्मसमर्पण कर दिया है. उच्चतम न्यायलय से जमानत नहीं मिलने के बाद फरार चल रहे आदित्य कुमार ने पटना सिविल कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया. बता दे की सुप्रीम कोर्ट ने फरार IPS अधिकारी को 2 हफ्ते में सरेंडर करने का आदेश दिया था. मिली जानकारी के अनुसार, आदित्य कुमार एसीजेएम-1 की अदालत में आत्मसमर्पण किया है। वही इसके बाद आरोपी के वकील ने कोर्ट से जमानत देने की अपील की लेकिन न्यायालय ने इस मांग को खारिज कर दिया व आरोपी अफसर आदित्य कुमार को जेल भेज दिया. गया के तत्कालीन SSP आदित्य कुमार के खिलाफ आईपीसी की धारा 353, 387, 419, 420, 467, 468, 120 बी, एवं धारा 66 सी, 66 डी एवं आईटी एक्ट 2000 के तहत किस दर्ज किया गया. गया के तत्कालीन SSP के अलावे इनके सहयोगी गौरव राज, शुभम कुमार तथा राहुल रंजन जायसवाल व अन्य के खिलाफ EOU के पुलिस उपाधीक्षक भास्कर रंजन के आवेदन पर 15 अक्टूबर 2022 को केस दर्ज किया गया था. जिसमें आपराधिक षड्यंत्र के तहत छद्म नाम से 22 अगस्त 2022 से केस दर्ज होने की तिथि तक सरकारी काम में हस्तक्षेप करने, जालसाजी व ठगी का आरोप लगा था. बता दें की बिहार कैडर के 2011 बैच के IPS आदित्य कुमार को SC ने 2 हफ्ते में सरेंडर करने का आदेश दिया था. यह डेड लाइन 6 दिसंबर को समाप्त हो रहा था. IPS कुमार अपने ऊपर से केस खत्म कराने व बेहतर पोस्टिंग के लिए अपने दोस्त अभिषेक अग्रवाल को पटना हाईकोर्ट का चीफ ज़स्टिस बनाकर बिहार के तत्कालीन DGP को फोन कराने के गंभीर आरोप हैं। सुनवाई के दौरान SC ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से इस पूरे मामले पर रिपोर्ट भी मांगी व IPS कुमार को इस मामले में अग्रिम ज़मानत देने से इनकार कर दिया था. IPS आदित्य कुमार पर पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के नाम पर बिहार DGP से पैरवी करने का आरोप लगा था। फर्जीवाड़ा के जरिए शराब कांड को खत्म करने के मामले में 15 अक्टूबर 2022 को EOU ने आईपीएस आदित्य कुमार के खिलाफ केस दर्ज किया था। वही इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने IPS को निलंबित भी कर दिया था।