राजाओं के सियासत को भारत में मिलाने का श्रेय सरदार पटेल को : गंगा प्रसाद
पटना सिटी (आनंद केसरी)। आदि श्री चित्रगुप्त पूजा की पूर्व संध्या पर चित्रगुप्त सामाजिक संस्थान के द्वारा गोष्ठी, सांस्कृतिक कार्यक्रम और सम्मान समारोह का आयोजन बेलवरगंज में किया गया। इसका उद्घाटन राज्यपाल गंगा प्रसाद ने किया। अध्यक्षता दूरदर्शन की निदेशिका रत्नापुर कायस्थ ने, संचालन कमलनयन श्रीवास्तव, स्वागत डॉ संतोष कुमार सिंह और धन्यवाद ज्ञापन गणेश प्रसाद सिंह ने किया। इस दौरान राज्यपाल गंगा प्रसाद ने कलमजीवी समाज के राज्य और देश के विकास में भूमिका को रेखांकित किया। साथ ही कहा कि सरदार बल्लभ भाई पटेल ने देश को एकता के सूत्र में जोड़ा है। उन्होंने 562 सियासत को भारत या पाकिस्तान से मिलने या स्वतंत्र रहने के अवसर को भुनाने का काम किया। उन सबों को भारत में मिलाकर एकता के सूत्र में पिरोने का काम सरदार पटेल ने किया। पद्मश्री डॉ गोपाल प्रसाद सिन्हा ने कहा कि कलमजीवी समाज अपने काम से देश को नई दिशा देने का काम कर रहा है। प्रारंभ में अनामिका श्रीवास्तव के श्री चित्रगुप्त वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। पद्मश्री डॉ नरेंद्र प्रसाद ने सम्मानित होने वाले कलमजीवियों के उज्जवल भविष्य की कामना की। श्रीमती रत्नापुरकायस्थ ने कलमजीवी समाज को अपने ही कारणों से हाशिये पर जाने की बात कहते हुए समाज के नेताओं को इस ओर ध्यान देने की बात कही। आकाशवाणी के निदेशक डॉ किशोर सिन्हा, सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक अरुण कुमार सिन्हा, राजेश बल्लभ आदि ने अपने विचार रखे। इस दौरान डॉ किशोर सिन्हा, छपरा की डॉ उषा सिन्हा, कवि समीर, डॉ राजीव रंजन प्रसाद, ई अशोक कुमार वर्मा, सेवानिवृत बिहार प्रशासनिक सेवा के रविनंदन सहाय, कवि राजेश वर्मा, पंकज बसंत, सत्यनारायण श्रीवास्तव, गिटार वादक सुबोधनंदन सिन्हा, मोतिहारी की ममता रानी वर्मा, काशी प्रसाद जायसवाल शोध संस्थान के पूर्व निदेशक डॉ चितरंजन प्रसाद सिन्हा, मुजफ्फरपुर के साहित्यकार डॉ शरद शरण, बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार के कार्यकारी निदेशक योगेंद्र लाल, गायिका अनामिका श्रीवास्तव, समाजसेवी राजेश्वर प्रसाद, मगही भाषा से डॉ प्रभात वर्मा, शिक्षाविद पंकज किशोर को सम्मानित किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति सुबोधनंदन प्रसाद सिन्हा, अनामिका श्रीवास्तव, सार्थक सक्सेना, कुमार पंकज सिन्हा, कृषा, दीपक रॉय, सीमा अरोड़ा, माला, कविता पांडेय, उजाला और उज्जवल ने पेश किया। समारोह में अवदेश कुमार सिन्हा, रमेशचंद्र अम्बष्ठ, राजेश राज, लल्लू शर्मा, बालकृष्ण सहाय, अमरनाथ, डॉ संतोष सिन्हा, बिहारी भईया, एहसान अली अशरफ आदि सक्रिय थे।