पटना में तीन दिवसीय पुस्तक मेला का शुभारंभ : बीपीएससी के सदस्य बोले- बुके की जगह बुक देने की परंपरा हो शुरू
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पटना। बिहार दिवस पर राजधानी पटना के गांधी मैदान में मंगलवार से तीन दिवसीय पुस्तक मेला का शुभारंभ राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के बोर्ड आफ ट्रस्टी के सदस्य सह बिहार लोक सेवा आयोग के सदस्य प्रो. अरुण कुमार भगत द्वारा किया गया। मेला का आयोजन राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, दिल्ली, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा बिहार सरकार के सहयोग से किया गया। यह पुस्तक मेला 22 से 24 मार्च तक रहेगा।
इस मौके पर मुख्य अतिथि और उद्घाटनकर्ता प्रो. भगत ने कहा कि बुके की जगह बुक देने की परंपरा शुरू होनी चाहिए। जीवन में पुस्तक ही सच्चा मित्र होता है। पुस्तक जीवन में हर कदम पर आपका मार्गदर्शन करता है, इसलिए पुस्तक की वास्तव में सबसे अधिक महत्वपूर्ण भूमिका होनी चाहिए। मेरे व्यक्तित्व को गढ़ने में भी पुस्तक का योगदान रहा है। अपने जीवन में कोई परिश्रम पूर्वक पुस्तक पढ़े तो जरूर ही शीर्ष पर विराजमान हो सकता है। बिहार का इतिहास गौरवशाली गाथापूर्ण रहा है।
उन्होंने कहा कि यहां विक्रमशिला और नालंदा जैसे विश्व विख्यात विश्वविद्यालय का गरिमामयी इतिहास रहा है। यह अतीत से ही कर्म योगियों की भूमि रही है। इस तरह के आयोजन आगे भी किए जाने चाहिए। यह बिहार के लिए गौरव और गरिमा की बात है। वहीं राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, दिल्ली के उपनिदेशक राकेश कुमार ने बताया कि पटना लंबे समय से पुस्तक प्रेमियों का गढ़ रहा है।
बता दें पुस्तक मेला में साहित्य प्रेमियों को यहां विशेष छूट के साथ किताबें खरीदने को मिल जाएगी। कोरोना त्रासदी के कारण लंबे समय से पुस्तक मेले का आयोजन संभव नहीं हो पाया था। इस बार लगभग 30 प्रकाशक अपनी नवीनतम रचनाओं के उपलब्ध होंगे।
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