कृषि डेडिकेटेड फिडर से सिंचाई हेतु किसानों को मिलेगी बिजली, बचेगा पैसा

पटना। राजधानी के मौर्या होटल में ‘Bihar Institute of Economic Studies द्वारा आयोजित ‘Pathways Towards Prosperity of Aspirational Districts In Bihar’ पर आयोजित सेमिनार को सम्बोधित करते हुए बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि प्रत्येक गाँव, टोला और घर तक बिजली पहुँचाने के बाद अब मार्च 2019 तक 6 हजार करोड़ की लागत से 1312 कृषि डेडिकेटेड फिडर के माध्यम से खेती में सिंचाई हेतु किसानों को बिजली पहुंचाई जाएगी। इससे किसानों को डीजल के बजाय बिजली से सिंचाई का लाभ मिलेगा। किसानों को जहां प्रति एकड़ 1500 रूपये लागत आती थी, अब प्रति एकड़ मात्र 200 रूपये की लागत आएगी। बिहार सब्जी उत्पादन में तीसरे स्थान पर है। बिहार के वैशाली, समस्तीपुर, नालंदा, बेगूसराय और पटना के अन्दर 83 प्रखंड़ों में सब्जी प्राथमिक सहकारी समिति का गठन कर लिया गया है। अब सुधा डेयरी के समान सब्जी का भी सहकारी सब्जी फेडरेशन बनाकर सब्जी का संग्रहण, उसकी छंटाई, ग्रेडी, मिनी कोल्ड स्टोरेज और कोल्ड चैन द्वारा सब्जी किसानों को बढ़ावा दिया जाएगा। बिहार सरकार धान की खरीददारी धान में नमी के कारण नवम्बर में पहले नहीं कर पाती थी। अब पैक्सों में ड्रायर लगाने जा रही है ताकि किसानों के धान को सही समय पर सरकार खरीद सके। इससे छोटे किसान धान को औने-पौने दाम में नहीं बेच सकेंगे। बिहार सरकार ने किसानों के उत्पादन को बाजार तक पहुँचाने के लिए ग्रामीण टोला को सड़कों से जोड़ रही है। बिहार सरकार 68 हजार 726 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण 35630 करोड़ की लागत कर चुकी है। अब सरकार मुख्यमंत्री टोला सम्पर्क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना के माध्यम से अगले पाँच वर्षों में 60 हजार किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण करेगी।
