PATNA : बिक्रम विधायक सिद्धार्थ को विधायक दल का नेता बनाने की मांग पर हाथापाई-गाली-गलौज
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का सबसे खराब प्रदर्शन रहने के कारण पार्टी के अंदर भूचाल आ गया है। चुनाव में पराजय का सामना करने वाली कांग्रेस में विवाद का दौर शांत होता नहीं दिख रहा है। शुक्रवार को पार्टी के नए विधायकों की मौजूदगी में दो पुराने नेताओं के समर्थक आपस मे भिड़ गए। कहा जा रहा है कांग्रेस की खराब रैंक की वजह से ही बिहार में महागठबंधन सरकार बनाने से चूक गई। इसी को लेकर प्रदेश कांग्रेस में नेतृत्वकर्ता को बदलने की मांग उठने लगी है। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय सदाकत आश्रम में कांग्रेस विधायक दल की बैठक जैसी ही शुरू हुई हंगामा होने लगा। बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस स्क्रीनिंग कमिटी के चेयरमैन अविनाश पांडे भी मौजूद थे। पटना जिला के बिक्रम विधायक सिद्धार्थ शर्मा को कांग्रेस विधायक दल का नेता बनाने की मांग पर पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच गाली-गलौज से लेकर हाथापाई तक हो गई। विधायक सिद्धार्थ शर्मा को विधायक दल का नेता बनाने की मांग को लेकर हंगामा करने वाले कार्यकर्ता इसकी भी मांग कर रहे थे विधायक विजय शंकर दूबे को विधायक दल का नेता नहीं बनाया जाए। कांग्रेस विधायकों ने विधायक दल का नेता चुने जाने के लिए सोनिया गांधी को अधिकृत किया।
कांग्रेस की जमीन बेचने का आरोप: हंगामे के बीच कुछ कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि विजय शंकर दूबे ने कांग्रेस की जमीन बेच दी। इसके जवाब में विजय शंकर दूबे ने कहा कि कोई किसी की जमीन कैसे बेच सकता है। राजेंद्र स्मारक समिति के पक्ष में कोर्ट ने फैसला दिया था। कांग्रेस ने इसका मुकदमा 10-15 साल तक लड़ा। जो भी हुआ, कोर्ट के फैसले के बाद हुआ। इसलिए इस तरह का आरोप फिजूल है।
आगे की रणनीति पर चर्चा: छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल की मौजूदगी में बैठक हुई। बैठक में निर्णय हुआ कि कांग्रेस विधायक दल के नेता का नाम प्रस्तावित करके दिल्ली भेजा जाएगा। इसके साथ ही आगे की रणनीति पर चर्चा हुई। कांग्रेस के जीते 19 विधायकों में से दो कांग्रेस विधायक दल की बैठक में अनुपस्थित रहे। मनिहारी विधायक मनोहर प्रसाद और अररिया विधायक हबीबुर्रहमान नहीं आए। बताया जाता है कि दोनों कल की बैठक में मौजूद थे और कल ही लौट गए। आज की बैठक की देर से सूचना मिली, इसलिए वे शामिल नहीं हो पाए।