कटिहार में परवल से लदी नाव गंगा में पलटी, मछुआरों ने 36 को बचाया, 30 क्विंटल सब्जी बर्बाद

कटिहार। बिहार के कटिहार जिले के अमदाबाद थाना क्षेत्र में मंगलवार सुबह एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। गदाई दियारा से मनिहारी जा रही एक नाव, जिसमें परवल लदी हुई थी, गंगा नदी के बीच धार में पलट गई। हालांकि, राहत की बात यह रही कि इस घटना में किसी भी व्यक्ति की जान नहीं गई। नाव पर सवार सभी 36 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया। इस दुर्घटना में नाव पर लदा लगभग 30 क्विंटल परवल नदी में बह गया, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ। यह दुर्घटना कटिहार जिले के मेघु टोला गांव के सामने गंगा नदी में हुई। नाव पर किसान और व्यापारी सवार थे, जो गदाई दियारा से परवल तोड़कर मनिहारी बाजार में बेचने जा रहे थे। यात्रा के दौरान अचानक मौसम खराब हो गया और तेज हवा चलने लगी। हवा की गति इतनी अधिक थी कि नाव अनियंत्रित हो गई और संतुलन बिगड़ने के कारण नदी में पलट गई।
हादसे के बाद की स्थिति
नाव के पलटते ही मौके पर अफरा-तफरी मच गई। यात्रियों को संभलने का मौका तक नहीं मिला और सभी नदी में गिर गए। हालांकि, स्थानीय मछुआरे तुरंत सक्रिय हो गए और पानी में डूब रहे लोगों को बचाने के लिए आगे आए। उनकी सतर्कता और तत्परता के कारण नाव पर सवार सभी 36 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
मछुआरों की बहादुरी से बची कई जिंदगियां
इस हादसे में सबसे बड़ी भूमिका मछुआरों की रही। जैसे ही नाव पलटी, वे तुरंत अपने जाल और छोटी नावों के सहारे बचाव कार्य में जुट गए। पानी में डूबते यात्रियों को निकालने में उन्होंने कोई देर नहीं की। उनकी तत्परता की वजह से एक बड़ा हादसा टल गया और किसी की भी जान नहीं गई। स्थानीय लोग और प्रशासन भी मछुआरों की इस बहादुरी की सराहना कर रहे हैं।
किसानों को हुआ बड़ा नुकसान
हालांकि इस हादसे में किसी की जान नहीं गई, लेकिन किसानों को भारी नुकसान हुआ। नाव में लगभग 30 क्विंटल परवल लदा था, जो नदी में बह गया। यह परवल मनिहारी बाजार में बेचने के लिए ले जाया जा रहा था। किसान इस फसल को कई महीनों की मेहनत के बाद उगाते हैं और यह उनकी आय का मुख्य स्रोत होता है। इतनी बड़ी मात्रा में परवल के नष्ट हो जाने से किसानों को आर्थिक हानि उठानी पड़ी।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन भी सक्रिय हो गया। प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और घटना की जांच के आदेश दिए। स्थानीय अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या नाव की संरचना में कोई खामी थी या फिर अधिक वजन के कारण यह दुर्घटना हुई।
गंगा नदी में नाव दुर्घटनाओं की बढ़ती घटनाएं
गंगा नदी में इस तरह की नाव दुर्घटनाएं अक्सर होती रहती हैं। कई बार नावों पर क्षमता से अधिक सामान लाद दिया जाता है, जिससे संतुलन बिगड़ जाता है और नाव पलट जाती है। इसके अलावा, कई नावें पुरानी और जर्जर स्थिति में होती हैं, जो हादसों को बढ़ावा देती हैं। इस घटना के बाद एक बार फिर यह सवाल उठने लगा है कि क्या नाविकों और किसानों को सुरक्षित यात्रा के लिए जागरूक किया जा रहा है और क्या प्रशासन इस ओर कोई ठोस कदम उठा रहा है। कटिहार जिले में हुई इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई, जो राहत की बात है। लेकिन किसानों का जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई आसान नहीं है। प्रशासन को अब ऐसी घटनाओं से सबक लेकर भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाने होंगे। मछुआरों की सतर्कता ने इस बार लोगों की जान बचा ली, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाओं को पूरी तरह से रोकने की जरूरत है।
