दूसरे राज्यों से बिहार आने वाले कामगारों की होगी पंचायतवार मैपिंग, क्षमता के अनुसार मिलेगा रोजगार

पटना । कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से एक बार फिर पिछले साल की तरह काफी संख्या में प्रवासी मजदूर लौटने लगे हैं। सरकार इन लोगों के रोजगार की व्यवस्था को लेकर योजना बना रही है। दूसरे राज्यों से आने वाले मजदूरों की पंचायतवार मैपिंग की जाएगी, जिससे उनकी कार्यकुशलता का पता लग सके। जो लोगों इन श्रेणी में नहीं हैं उन्हें मनरेगा के तहत काम मिलेगा। वहीं कुशल लोगों को उद्योग विभाग की विभिन्न योजनाओं के तहत स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जाएगा।

कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इस वजह से लॉकडाउन से आशंकित कामगार घर लौटने लगे हैं। देश के विभिन्न हिस्सों से ट्रेन व अन्य माध्यमों से आने वाले लोगों की कोरोना जांच का इंतजाम रेलवे स्टेशनों, एयरपोर्ट, बस अड्डों पर किया गया है। संक्रमितों को आइसोलेशन में रखने के लिए क्वारंटाइन केंद्रों की व्यवस्था भी सरकार ने की है। वहीं उनके रोजगार को लेकर भी कवायद शुरू कर दी गई है। इसे लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी विभिन्न विभागों को दिशा-निर्देश दिए हैं। श्रम संसाधन विभाग पंचायत स्तर पर इन प्रवासी कामगारों की मैपिंग का काम जल्द शुरू करेगा। उनकी दक्षता व क्षमता के हिसाब से ही संबंधित क्षेत्र में उनके रोजगार या स्वरोजगार की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए विभाग के मंत्री जीवेश कुमार ने अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए हैं।

दरअसल बाहर से लौटने वाले लोगों में बड़ी संख्या में अकुशल श्रेणी के हैं। ऐसे लोगों को मनरेगा के तहत काम दिलाने का प्रयास सरकार कर रही है। इसके लिए लक्ष्य भी बढ़ाया गया है। पिछले साल भी कोरोना काल में मनरेगा योजना बिहार सहित देशभर में खासी कारगर रही थी।

सरकार मुख्यमंत्री उद्यमी योजना चला रही है। इसके तहत फिलहाल अनुसूचित जाति-जनजाति और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लोगों को अपने रोजगार शुरू करने के लिए सरकार 10 लाख तक की मदद दे रही है। अब इसे महिलाओं और सामान्य वर्ग के लोगों के लिए भी शुरू करने की तैयारी है। बिहार से आने वालों को उनके हुनर के अनुरूप इस योजना से जोड़कर स्वरोजगार शुरू करने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा।

संक्रमण बढ़ने के चलते बड़ी संख्या में लोग बिहार लौट रहे हैं। सरकार इसे लेकर बेहद संवेदनशील है। ऐसे लोगों की पंचायतवार मैपिंग जल्द शुरू होगी। अकुशल श्रमिकों को मनरेगा और कुशल लोगों को मुख्यमंत्री उद्यमी योजना से जोड़ा जाएगा। -जीवेश कुमार, मंत्री, श्रम संसाधन विभाग

 

You may have missed