राज्य के 6570 पदों पर पंचायत लेखपाल की परीक्षा स्थगित, आरक्षण सीमा के कारण लटका एग्जाम
पटना। बिहार के पंचायतों के कामकाज को सुचारू रूप से चलाने के लिए 6570 लेखापाल सह आईटी सहायक पदों पर भर्ती की प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है। यह परीक्षा जुलाई में आयोजित होनी थी, लेकिन आरक्षण सीमा के मामले पर न्यायालय की रोक के बाद इस प्रक्रिया को रोक दिया गया है। बिहार सरकार ने पंचायतों में लेखापाल सह आईटी सहायक की बहाली का लक्ष्य अक्टूबर तक पूरा करने का रखा था, लेकिन अब इस पर अनिश्चितता छा गई है। पंचायती राज विभाग ने घोषणा की थी कि जुलाई में परीक्षा आयोजित कर सितंबर में परिणाम घोषित किया जाएगा। राज्य में लेखापाल सह आईटी सहायक की कमी से पंचायतों का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। वर्तमान में राज्य में लगभग 1600 लेखापाल सह आईटी सहायक कार्यरत हैं, जबकि 6570 नए पदों की भर्ती की जानी थी। इन पदों में से 4270 पद पुरुष अभ्यर्थियों के लिए और 2300 पद महिला अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित थे। बी.कॉम, एम.कॉम या सीए-इंटर उत्तीर्ण लगभग 73,952 अभ्यर्थियों ने 9 जून तक ऑनलाइन आवेदन किया था। पंचायती राज विभाग की बिहार ग्राम स्वराज योजना सोसाइटी ने इन पदों के लिए आवेदन मांगे थे। परीक्षा का आयोजन ग्राम स्वराज योजना सोसाइटी के माध्यम से आउटसोर्सिंग एजेंसी द्वारा किया जाना था। परीक्षा में अकाउंटेंट से संबंधित सवाल पूछे जाने थे और चयन कंप्यूटर बेस्ट टेस्ट (सीबीटी) के आधार पर किया जाना था। संविदा के आधार पर नियुक्त लेखापाल सह आईटी सहायक को प्रति माह 20 हजार रुपये मानदेय दिया जाना प्रस्तावित था। आरक्षण सीमा को 65 फीसदी करने के मामले पर न्यायालय की रोक के बाद यह पूरी प्रक्रिया रुक गई है। यह मामला अभी न्यायालय में लंबित है, जिससे बहाली प्रक्रिया पर अनिश्चितता बनी हुई है। पंचायतों में लेखापाल सह आईटी सहायक की कमी से वहां के प्रशासनिक कार्यों में विलंब हो रहा है और विकास कार्यों पर भी असर पड़ रहा है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासनिक कार्यों की गति धीमी पड़ गई है और जनता को विभिन्न सेवाओं के लिए अधिक समय लग रहा है। इस स्थिति के चलते पंचायती राज विभाग को अब वैकल्पिक रणनीति पर विचार करना पड़ रहा है। उम्मीद की जा रही है कि न्यायालय जल्द ही इस मामले में निर्णय लेगा जिससे बहाली प्रक्रिया को पुनः शुरू किया जा सकेगा। तब तक, पंचायतों में प्रशासनिक और वित्तीय कार्यों की निगरानी के लिए अस्थायी उपायों पर विचार किया जा रहा है। न्यायालय के निर्णय के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि यह बहाली प्रक्रिया कब पुनः शुरू होगी और पंचायतों में लेखापाल सह आईटी सहायकों की कमी को पूरा किया जा सकेगा। पंचायती राज विभाग इस मामले में न्यायालय के निर्णय का इंतजार कर रहा है ताकि वह आगे की कार्रवाई कर सके।