September 21, 2024

बिहार : पद्मश्री डॉ. मोहन मिश्रा का हार्ट अटैक से निधन, दरभंगा में अपने आवास पर ली अंतिम सांस

दरभंगा । बिहार के जाने-माने डॉक्टर पद्मश्री डॉ. मोहन मिश्रा का हार्ट अटैक से गुरुवार की रात निधन हो गया। दरभंगा जिले के लहेरियासराय के बंगाली टोला स्थित आवास उन्होंने अंतिम सांस ली। डॉक्टर मोहन मिश्रा के बेटे ने बताया कि पिछले तीन दिनों से वो बीमार चल रहे थे। उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई थी।
डॉ. मोहन मिश्रा विश्व स्तर के ख्याति प्राप्त फिजिशियन डॉक्टर थे। उन्होंने कई विषयों व बीमारियों पर शोध किए थे, इसके बाद उनको तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पद्मश्री से सम्मानित किया था।
विश्व में डिमेंशिया यानी भूलने की बीमारी पर प्रभावी और सर्वमान्य रिसर्च नहीं हो सका था। डॉ. मोहन मिश्र ने ब्राह्मी नामक पौधे से इस बीमारी के इलाज में सफलता पाई थी। उनके इस शोध को ब्रिटिश जर्नल में जगह दी गई थी। उन्हें कालाजार पर शोध के लिए 2014 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया। दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल (डीएमसीएच) में मेडिसीन विभाग के एचओडी रहे डॉ. मोहन मिश्र वर्ष 1995 में सेवानिवृत्त हुए।

इसके बाद वे बंगाली टोला स्थित घर पर मरीजों को देखने लगे। इस दौरान उनके पास डिमेंशिया के कई मरीज आते थे। इसकी कोई सटीक दवा नहीं होने के चलते बहुत फायदा नहीं होता था। उनका ध्यान आयुर्वेद की तरफ गया तो ब्राह्मी के पौधे की विशेषता की जानकारी हुई। इस विषय में काफी जानकारी जुटाई। आयुर्वेद के कई चिकित्सकों से बात की। फिर इस पौधे से डिमेंशिया के इलाज पर रिसर्च का निर्णय लिया।

 

 

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