विश्वविद्यालयों में जल्द लागू होगा एक कोर्स एक फीस का नियम, विभाग ने कुलसचिवों से मांगी रिपोर्ट
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पटना। बिहार के विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रमों के शुल्क और नियमों में समानता लाने के लिए राज्य सरकार ने ‘एक कोर्स, एक फीस’ नियम लागू करने की योजना बनाई है। वर्तमान समय में विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में संचालित व्यावसायिक (वोकेशनल) तथा स्ववित्तपोषित कोर्स की फीस और नियमों में भारी भिन्नता देखी जा रही है। इस समस्या को खत्म करने के लिए बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। अभी तक बिहार के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पाठ्यक्रमों को लेकर कोई एक समान नियम नहीं है। कई कॉलेज और अध्ययन केंद्र मनमाने ढंग से फीस वसूल रहे हैं और अलग-अलग नियमों का पालन कर रहे हैं। इससे न केवल छात्रों पर आर्थिक बोझ बढ़ता है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था में भी असमानता आ जाती है। बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद के सदस्य सचिव सह परियोजना निदेशक बैद्यनाथ यादव ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को पत्र लिखकर रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। रिपोर्ट जमा करने की समय-सीमा 15 दिन निर्धारित की गई है। बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद के शैक्षणिक सलाहकार प्रो. एनके अग्रवाल ने बताया कि बिहार के विश्वविद्यालयों में सामान्य पाठ्यक्रमों के लिए एक समान नियम पहले से ही लागू हैं। इसी तर्ज पर व्यावसायिक (वोकेशनल) और स्ववित्तपोषित कोर्सों के लिए भी एक समान नियम लागू करने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस कदम से शिक्षा में पारदर्शिता आएगी और छात्रों को मनमानी फीस से राहत मिलेगी। परियोजना निदेशक बैद्यनाथ यादव ने कहा कि यह पाया गया है कि विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में अलग-अलग नियमों के तहत कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। यह भिन्नता शिक्षा की गुणवत्ता और प्रशासनिक प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करती है। ऐसे में सभी विश्वविद्यालयों से सटीक डाटा संग्रह करना आवश्यक है। यह निर्णय शिक्षा की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। ‘एक कोर्स, एक फीस’ नियम लागू होने से न केवल शिक्षा में समानता आएगी, बल्कि छात्रों के बीच वित्तीय असमानता की समस्या भी काफी हद तक दूर हो जाएगी। इससे उन छात्रों को विशेष लाभ मिलेगा, जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आते हैं और उच्च फीस के कारण शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद की यह पहल शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। रिपोर्ट तैयार होने के बाद, सभी विश्वविद्यालयों में एक समान फीस और नियम लागू करने की प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया जाएगा। इससे राज्य की उच्च शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और समानता सुनिश्चित होगी। छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय बिहार के शैक्षणिक परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता रखता है।
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