हरियाणा पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला का हार्ट अटैक से निधन, 89 वर्ष की आयु में ली अंतिम सांस
नई दिल्ली। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला का निधन हो गया है। वे 89 साल के थे। शुक्रवार को वे गुरुग्राम में अपने घर पर थे। उन्हें दिल का दौरा पड़ा। जिसके बाद साढ़े 11 बजे उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में लाया गया। करीब आधे घंटे बाद दोपहर 12 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। चौटाला 5 बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। शुक्रवार शाम तक उनका पार्थिव शरीर सिरसा स्थित उनके पैतृक गांव चौटाला लाया जाएगा। जहां उसे अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद गांव में ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
पूर्व उपप्रधानमंत्री के बेटे, जेल में रहकर 10वीं-12वीं की
ओपी चौटाला पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल की 5 संतानों में सबसे बड़े थे। उनका जन्म 1 जनवरी, 1935 को हुआ। शुरुआती शिक्षा के बाद ही चौटाला ने पढ़ाई छोड़ दी थी। 2013 में शिक्षक भर्ती घोटाले के दौरान जब चौटाला तिहाड़ जेल में बंद थे तब उन्होंने 82 साल की उम्र में पहले दसवीं और फिर बारहवीं की परीक्षा पास की।
पहला चुनाव हार गए थे चौटाला, उपचुनाव में जीते
ओमप्रकाश चौटाला की चुनावी राजनीति की शुरुआत 1968 में शुरू हुई। उन्होंने पहला चुनाव देवीलाल की परंपरागत सीट ऐलनाबाद से लड़ा। उनके मुकाबले पूर्व सीएम राव बीरेंद्र सिंह की विशाल हरियाणा पार्टी से लालचंद खोड़ ने चुनाव लड़ा। इस चुनाव में चौटला हार गए। हालांकि हार के बाद भी चौटाला शांत नहीं बैठे। उन्होंने चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाया और हाईकोर्ट पहुंच गए। एक साल चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने लालचंद की सदस्यता रद्द कर दी। 1970 में उपचुनाव हुए तो चौटाला ने जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ा और विधायक बने।
पिता केंद्र सरकार में गए तो चौटाला को मुख्यमंत्री बना दिया
साल 1987 के विधानसभा चुनाव में लोकदल को 90 सीटों में से 60 पर जीत मिली। ओपी चौटाला के पिता देवीलाल दूसरी बार सीएम बने। दो साल बाद हुए लोकसभा चुनाव में केंद्र में जनता दल की सरकार बन गई। जिसमें वीपी सिंह प्रधानमंत्री बने। देवीलाल भी इस सरकार का हिस्सा बने और उन्हें उपप्रधानमंत्री बनाया गया। अगले दिन दिल्ली में लोकदल के विधायकों की बैठक हुई। जिसमें ओपी चौटाला को सीएम के लिए चुन लिया गया। वह 2 दिसंबर 1989 से 22 मई 1990 तक, 12 जुलाई 1990 से 17 जुलाई 1990 तक, 22 मार्च 1991 से 6 अप्रैल 1991 तक और फिर 24 जुलाई 1999 से 5 मार्च 2005 तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे।
भर्ती घोटाले में हुई 10 साल की सजा
जून 2008 में उनके खिलाफ हरियाणा में 1999-2000 के दौरान 3,206 जूनियर बेसिक शिक्षकों की अवैध भर्ती को लेकर आरोप लगाए गए थे। इसके बाद जनवरी 2013 में दिल्ली की एक अदालत ने उन्हें और उनके बेटे अजय सिंह चौटाला को दस साल की सजा सुनाई। इस मामले की जांच सीबीआई द्वारा की गई थी। चौटाला की सजा को दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी बरकरार रखा था। ओम प्रकाश चौटाला अपनी 10 साल की सजा में ले करीब साढ़े 9 साल की सजा काटने के बाद 2 जुलाई 2021 को तिहाड़ जेल से रिहा हुए। सरकार ने कोविड-19 महामारी के बीच जेलों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कैदियों की संख्या में कटौती की थी। इसकी कारण उन्हें भी रिहाई मिल गई थी।