बिहार में पीएम आवास योजना के डेढ़ लाख लाभार्थियों को नोटिस जारी, राशि लेकर नहीं बनाया घर

पटना। बिहार सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के डेढ़ लाख से ज्यादा लाभार्थियों को नोटिस जारी किया है। इन लाभार्थियों ने पीएम आवास योजना के तहत सरकार से रुपये ले लिए, लेकिन अभी तक पक्के मकान नहीं बनाए हैं। इनमें वे भी लाभार्थी शामिल हैं, जिन्होंने मकान बनाने का काम तो शुरू कर दिया लेकिन उसे पूरा नहीं किया गया है। बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने चेतावनी दी है कि बार-बार कहने पर भी मकान नहीं बनाने वाले लाभार्थियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बिहार विधानसभा में बोलते हुए मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि विभाग ने उन 19,495 बकाएदारों के खिलाफ सर्टिफिकेट केस भी दर्ज किया है, जिनके बैंक खातों में सरकार ने कई महीने पहले पीएम आवास योजना-ग्रामीण की सभी किस्तें जमा कर दी थी। इसके बावजूद उन्होंने मकान नहीं बनाया। इसके अलावा कुल 82,441 लाभार्थियों को व्हाइट नोटिस दिया गया। यह विभागीय कार्रवाई से बचने के लिए लाभार्थियों को एक तरह की चेतावनी होती है। मंत्री ने आगे कहा कि इनके अलावा पीएम आवास योजना के 67,733 लाभार्थियों को ‘रेड’ नोटिस भी दिया गया है। इसका मतलब है कि बार-बार चेतावनी देने के बावजूद निर्माण पूरा न करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने कहा, ‘रेड नोटिस के बाद भी अगर लोग नहीं बाज आते हैं तो उनके खिलाफ सर्टिफिकेट केस दायर किया जाता है। विभाग ने 19 हजार से ज्यादा लाभार्थियों के खिलाफ सर्टिफिकेट केस भी दायर किया है। इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में रहने वाले गरीब परिवारों को सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ पक्के मकान की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। मैदानी क्षेत्रों में मकाने बनाने के लिए हर लाभार्थी को तीन किस्तों में 1.20 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है। यह राशि सरकार द्वारा डीबीटी के जरिए सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है। वहीं, पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्रों जैसे हिमालयी एवं पूर्वोत्तर राज्यों तथा जम्मू-कश्मीर जैसे केंद्र शासित प्रदेश में इस योजना के तहत 1.30 लाख रुपये की राशि मिलती है। इस योजना की 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार देती है, तो शेष 40 प्रतिशत राज्य सरकारें वहन करती हैं।

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