दंगा कराने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कितना भी बड़ा आदमी क्यों ना हो : मुख्यमंत्री
पटना। रामनवमी के दौरान नालंदा और सासाराम हिंसा पर सीएम नीतीश कुमार ने एक बार फिर कहा कि दंगा कराने में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से शामिल हर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई होगी चाहे वह कितना भी बड़ा आदमी क्यों न हो। नीतीश कुमार डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव एवं अन्य अधिकारियों के साथ मेट्रो के टनल के शुरूआत के बाद मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए कहा। इस दौरान सीएम ने राज्य में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को लेकर भी बात कही। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि दंगा की पूरी गहराई से जांच चल रही है। इसमें जो लोग भी शामिल है उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि आपने देखा न है कि केंद्र में एक मंत्री के बेटे ने गड़बड़ किया था। तो उस समय उसकी भी गिरफ्तारी हुई थी। इसलिए इस दंगा में जो भी लोग शामिल है उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। नालंदा और सासाराम हिंसा पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जान बुझकर कुछ लोग गड़बड़ी किया है। गड़बड़ी करनेवालों को छोड़ा नहीं जाएगा। वही केन्द्रीय मंत्री पशुपति पारस के सीबीआई जांच के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि जिसको जो बोलना है बोले। कुछ कुछ ऐसे ही बोलता रहता है। यहां सारा तंत्र मजबूत है लेकिन जिन लोगों ने गड़बड़ किया है उनको बख्शा नहीं जाएगा और मामले की जांच के बाद ही पूरे मामले का खुलासा हो जाएगा। इससे पहले भी सीएम नीतीश कह चुके हैं कि साजिश के तहत बिहार में हिंसा कराई गई है। जल्द ही हिंसा का सच सामने आएगा।
पटना में पिछले कुछ दिनों में केस बढ़े हैं, लेकिन हमलोग इसको लेकर अलर्ट है : सीएम नीतीश
वहीं राज्य में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि पटना में पिछले कुछ दिनों से केस बढ़े हैं। राज्य में लगातार पिछले कुछ दिनों से लगातार तीन चार जिलों में मामले आ रहे हैं। जबकि कोरोना को लेकर पूरा अलर्ट है। राज्य में कुछ हफ्ते पहले तक वैक्सीनेशन हो रहा था। अभी कुछ दिनों से वैक्सीनेशन खत्म है। इसको लेकर केंद्र सरकार से कहा गया है कि वो वैक्सीनेशन उपलब्ध करवाए। सीएम ने कहा कि हमारी सरकार 2020 से ही इस पर सक्रिय है। हमलोग निरंतर टेस्ट करा रहे हैं। बिहार में औसत से ज्यादा टेस्ट प्रतिदिन हो रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार सबसे ज्यादा कोरोना टेस्ट वाला राज्य रहा है। बाद में धीमी रफ्तार होने पर अधिकारियों को जांच तेज के निर्देश भी दिए थे।