बच्चों के निवाले की हकमारी : लॉकडाउन-एक से नहीं मिल रहा आंगनबाड़ी लाभुकों को पोषाहार का लाभ, सवाल पूछते ही पर्यवेक्षक ने काटी कॉल
पटना/बाढ़। एक ओर नीतीश सरकार बच्चों को स्कूल भेजने और उनके स्वास्थ्य को लेकर पोषाहार वितरण योजना चला रही है, लेकिन उक्त योजना में व्यापक पैमाने पर धांधली की जा रही है।
आंगनबाड़ी केंद्रों में रजिस्टर्ड बच्चों को पिछले साल से पोषाहार का लाभ नहीं मिल रही है। इससे कई आंगनबाड़ी केंद्रों पर गरीब परिवारों ने अपने बच्चों को भेजना बंद कर दिया है। अगर इसकी उच्चस्तरीय जांच कराई जाए तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।
मामला पटना जिला के बेलछी प्रखंड के सहसोहरा पश्चिमी पंचायत के लक्ष्मीपुर गांव के वार्ड तीन के आंगनबाड़ी केंद्र कोड सं. 192 के पोषाहार योजना से जुड़ी है। जब हमारे संवाददाता उक्त पंचायत में पहुंचे तो महिलाओं ने आंगनबाड़ी पोषाहार वितरण योजना का लाभ लगभग दो साल से नहीं मिलने की बात कही।।
महिला संजू देवी ने बताया कि मेरा दो बच्चा एक पांच साल व दूसरा तीन साल आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने जाता है। जब पहले चरण का कोरोना लॉकडाउन लगा था, उसी समय से ही बच्चों को मिलने वाले पोषाहार योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। ऐसे में जब बच्चों को लाभ ही नहीं मिलेगा तो आंगनबाड़ी केंद्र में भेजूंगी क्यों?
वहीं बेबी देवी कहती हैं कि सालों भर से पोषाहार योजना का लाभ बच्चों को नहीं मिला है। पहले लाभ मिलता था तो बच्चों को भेजती थी, लेकिन अब नहीं मिलता है तो नहीं भेजती हूं।
प्रतीमा देवी कहती हैं, जब पहला लॉकडाउन लगा था, उस समय मात्र एक महीना पोषाहार दिया गया था, लेकिन उसके बाद से अब तक नहीं मिला है।
जब अमृतवर्षा न्यूज डॉट इन ने लक्ष्मीपुर गांव के वार्ड तीन के आंगनबाड़ी केंद्र की पर्यवेक्षक मालती देवी के मोबाइल पर कॉल किया तो मालती देवी ने कॉल उठाया, लेकिन जैसे ही पूछा कि लाभुकों का आरोप है कि पिछले लॉकडाउन से ही बच्चों को पोषाहार योजना का लाभ नहीं मिल रहा है तो वैसे ही फोन को काट दिया।
इसके बाद भी हमने उनका पक्ष जानने की कोशिश की लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। इसके बाद बख्तियारपुर के सीडीपीओ से उनका पक्ष जानना चाहा लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
बहरहाल, इस मामले के सामने आने के बाद यही कहा जा सकता है कि पोषाहार वितरण योजना में अनुमंडल में जमकर धांधली की जा रही है। अगर मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए तो सत्यता का पता चल पाएगा वर्ना इसी तरह बच्चों के निवाले की हकमारी होती रहेगी।