पटना एम्स में भर्ती मिठाई कारीगर की मौत के बाद नहीं मिला शव वाहन, निजी एम्बुलेंस से मुखिया ने उठवाया शव
फुलवारीशरीफ । सरकार भले ही इस कोरोना काल मे लोगों की मदद का दावा कर रही है लेकिन हकीकत में आमलोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना तो दूर अस्पताल में मौत हो जाने पर शव को ले जाने के लिए एक अदद एम्बुलेंस या शव वाहन की व्यवस्था भी नही उपलब्ध हो पा रही है।
मंगलवार की रात एक ऐसा ही वाकया पटना एम्स से सामने आया है। जहां पटना एम्स में भर्ती एक 28 वर्षीय युवक की मौत मंगलवार की देर शाम हो गई। संजय चौधरी पिछले सप्ताह से एम्स में इलाजरत था। जहां उसकी मौत कोरोना से नहीं बल्कि दूसरी बीमारियों से हो गई । 28 वर्षीय मृतक संजय चौधरी सकरैचा पंचायत के नूर मोहिउद्दीनपुर में एक मिठाई दुकान में मिठाई कारीगर का काम करता था।
बताया जाता है कि संजय चौधरी काफी छोटी उम्र से ही पूजा स्वीट्स के मालिक कमलेश के यहां काम करता था। संजय चौधरी की मौत के बाद मिठाई दुकानदार के हाथ खड़े करने के बाद इसकी जानकारी सकरैचा पंचायत के मुखिया संतोष कुमार सिंह को मिली। मुखिया संतोष कुमार ने बताया कि उन्होंने बीडीओ, जिला प्रशासन, कंट्रोल रूम और पटना के जिलाधिकारी तक को कॉल कर शव उठाने के लिए एंबुलेंस या शव वाहन की मांग की लेकिन कई घंटे तक जब जिला प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली तब फुलवारी शरीफ से भाड़े पर निजी एंबुलेंस मंगवा कर पटना एम्स से मृतक के शव को उठवाया गया । हालांकि जिलाधिकारी ने मुखिया को कंट्रोल रूम को खबर देकर मदद का आश्वासन जरूर दिया।
बता दें कि मुखिया संतोष कुमार सिंह अपने निजी खर्च से एक एम्बुलेंस की सुविधा इलाके के आम लोगों के लिए उपलब्ध कराते हैं लेकिन उनके एम्बुलेंस के चालक की मां की मौत हो जाने पर चालक उपलब्ध नहीं था ।