December 22, 2024

पटना में 3200 करोड़ से नमामि गंगे योजना, सीवरेज का पानी गंगा में नहीं : सुमो

पटना सिटी (आनंद केसरी)। अभी गंगा मैली है और घर-उद्योग का गंदा जल-मल गंगा में जा रहा है। ऐसे में यदि इसके पानी का इस्तेमाल खाने और पीने के साथ नहाने में करना कहीं से भी सेहत के लिए लाभदायक नहीं है। केंद्र सरकार गंगा परियोजना को नमामि गंगे से जोड़कर करीब 3200 करोड़ से काम कर रही है। इसके लिए पटना सिटी में करमलीचक, बड़ी पहाड़ी और सैदपुर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट अंतिम चरण में है। गुलबी घाट में आठ करोड़ की लागत से बिजली शवदाह गृह बनकर तैयार है। यहां दो मशीन लगा है। संस्कार के बाद पूजा करने की व्यवस्था की गई है। इसका उद्घाटन भी जल्द ही किया जाएगा। इसके अलावा हाजीपुर, बक्सर, मुंगेर आदि शहरों में भी नगर विकास विभाग शवदाह गृह का निर्माण कर रहा है। कोशिश है कि हर नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत में दो बिजली शवदाह गृह और प्लेटफार्म के साथ शेड का निर्माण हो। पटना सिटी के खाजेकलां घाट में बन रहे आधुनिक स्नान और श्मशान घाट का निर्माण सराहनीय कार्य है। लोगों को अब लकड़ी के बजाय बिजली और गैस से शवों का संस्कार भी करना चाहिए। इससे पर्यावरण को संरक्षित किया जा सकेगा। यह बात खाजेकलां घाट के निर्माण के कार्यारम्भ के दौरान डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कही। इंडियन ऑयल फाउंडेशन के सीईओ सुब्रत वर्मा ने स्वागत भाषण में कहा कि खाजेकलां घाट के स्नान और श्मशान घाट का प्रोजेक्ट राशि बढ़ कर 30 करोड़ हो गई है। इसमें घाट किनारे सीढ़ी, बेरिकेडिंग, मल्टीपर्पस हॉल, 15 टॉयलेट्स ब्लॉक्स, 6 बाथरूम, 6 ड्रेस चेंजिंग रूम्स, सीटिंग प्लेटफॉर्म्स, फ्लोर्स, रेस्टिंग बेंचेस, कवर्ड पोडियम भी बनेगा, ताकि बारिश से बचा जा सके। घाट एरिया में कटाव से बचाव, रोड को जोड़ना, लैंडस्केपिंग, बिजली की सुविधा पावर बैक के साथ, वायु प्रदूषण, इनवायरमेंट प्रोटेक्शन एवं लोगों की सुरक्षा का ख्याल रखा गया है। घाट पर ग्रीनरी, छोटे पौधे भी लगाए जाएंगे। नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने कहा कि वाराणसी में महज 30-40 किलो लकड़ी से संस्कार की व्यवस्था है। उस मॉडल को यहां भी अपनाना होगा। गैस से शव का संस्कार से खर्च अधिक होगा। अन्य शहरों में भी वे वैसा बनाएंगे। पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा कि पूर्व के 1.10 करोड़ की राशि से बनने वाला निर्माण को गंगा कटाव से अपने आगोश में ले ली। इसके बाद वे इस घाट पर होने वाली परेशानियों से दुखी थे। वे इस नेक काम मे मदद देने वाले पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को धन्यवाद करते हैं। कटाव रोकने को जल संसाधन से 10-15 करोड़ से काम शुरू हुआ। गंगा किनारे रोड को वे पूरब से बनाना चाहते थे, मगर सत्ता से हटने पर इसे पश्चिम से शुरू कर नौजरघाट तक ही लाया गया। वे सत्ता में आये तो इसे फिर दीदारगंज तक किया और पाइलिंग हो रहा है। एलिवेटेड रोड को गायघाट, कंगन घाट, पटना घाट और दीदारगंज पथ से जोड़ा जाएगा। खाजेकलां घाट में रोड पर चढ़ने-उतरने को सीढ़ी होगा। खाजेकलां से चौक के बीच खासकर मच्छरहट्टा के जाम से बचने को कंगन घाट से खाजेकलां घाट तक 7 मीटर चौड़ी सड़क बनाई जाएगी। खाजेकलां, सदरगली, नवाब बहादुर रोड और शेरशाह पथ में बने बॉक्स नाला (फुटपाथ) को तोड़ रोड को चौड़ा किया जाएगा। महात्मा गांधी सेतु के बगल यानी पश्चिम नया पुल बनेगा। जमीन अधिग्रहण के बाद काम शुरू होगा। केंद्र सरकार के द्वारा दिए 54700 करोड़ में पुल निर्माण राशि शामिल है। पटना सिटी में विभिन्न रोड का निर्माण को नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने 10 करोड़ देने की बात कही है। डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने मंत्री नंदकिशोर यादव के अपने विधानसभा एरिया सहित बिहार के विकास के कार्य में दिलचस्पी की सराहना की। पहले कोई सिटी आना नहीं चाहता था, अब सिटी में विकास की धारा बहने पर पटना शिफ्ट होने वाले लोग यहीं ठहर गए। धन्यवाद ज्ञापन आइओसी के बिहार-झारखंड के कार्यकारी निदेशक शैलेन्द्र शर्मा और संचालन वीणा कुमारी ने किया। मौके पर मंचासीन में मेयर सीता साहू, आइओसी के उप महाप्रबंधक राजेश गणवीर, पार्षद तरुणा राय, किरण शंकर और एक्स डिप्टी मेयर रूपनारायण मेहता थे। अन्य गण्यमान्य में डॉ एसए कृष्णा, मोहन चतुर्वेदी, प्रो दिनेश पटेल, चरण सिंह, प्रदीप मेहता, पार्षद तारा देवी, किरण मेहता, मुन्ना जायसवाल के अलावा नितीन कुमार रिंकू, विनय केसरी, राजेश साह, कांति केसरी, सीता मेहता, अवधेश सिन्हा, देवकिशन राठी, ज्ञानवर्धन मिश्र आदि थे।

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