November 21, 2024

सात निश्चय के तरह 12 लाख नौकरी भी नीतीश का चुनावी जुमला, अब कुछ नहीं होगा : प्रशांत किशोर

पटना। जन सुराज अभियान के सूत्रधार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कड़ा हमला बोला है। प्रशांत किशोर, जिन्हें पीके के नाम से भी जाना जाता है, ने नीतीश कुमार द्वारा किए गए वादों को केवल चुनावी जुमला करार दिया। खासकर, उन्होंने 2015 के विधानसभा चुनाव में किए गए “सात निश्चय” और हाल ही में 12 लाख नौकरी देने के वादे को लेकर सवाल उठाए। प्रशांत किशोर ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीतीश कुमार के सात निश्चय योजना को लेकर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 2015 में नीतीश कुमार ने सात निश्चयों की घोषणा की थी, जिसमें उन्होंने बिहार के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण वादे किए थे। इनमें युवाओं को बेरोजगारी भत्ता, शिक्षा के लिए सस्ता कर्ज, और गांवों में बुनियादी सुविधाओं का विकास शामिल था। पीके का दावा है कि नीतीश कुमार ने सत्ता में बने रहने के लिए इन वादों को भुला दिया और इन पर आज तक कोई ठोस काम नहीं हुआ। प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के 12 लाख नौकरी देने के हालिया वादे को भी केवल चुनावी जुमला बताया। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में बिहार सरकार ने सिर्फ 9 लाख लोगों को ही रोजगार मुहैया कराया है, जबकि वादा इससे कहीं ज्यादा का था। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगर नीतीश कुमार अपने पिछले वादों को पूरा नहीं कर पाए, तो यह नया वादा भी मात्र एक चुनावी हथकंडा है। प्रशांत किशोर ने नीतीश सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सात निश्चय योजना के तहत गांवों में नाली और सड़क पक्कीकरण के लिए 80 करोड़ रुपये की योजना बनाई गई थी, लेकिन यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। पीके ने कहा कि यदि आज गांवों में जाकर देखा जाए, तो इस योजना का कोई ठोस परिणाम नहीं दिखाई देगा। उन्होंने नीतीश कुमार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरते हुए कहा कि बिहार के विकास के नाम पर जो भी वादे किए गए थे, वे सभी अधूरे हैं। प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार द्वारा युवाओं के लिए किए गए वादों पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने 18 से 35 साल के हर बेरोजगार को भत्ता देने का वादा किया था, लेकिन इसके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। इसके अलावा, 1 करोड़ से ज्यादा परिवारों के बच्चों को 12वीं के बाद सस्ती शिक्षा के लिए कर्ज देने का वादा किया गया था, जो कि आधे-अधूरे तरीके से ही लागू हुआ। प्रशांत किशोर ने यह भी स्पष्ट किया कि वे अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में नई पार्टी के साथ मैदान में उतरेंगे। उन्होंने एनडीए और महागठबंधन दोनों को चुनौती देने का ऐलान किया। उनका कहना है कि बिहार के लोग नीतीश कुमार की सरकार से थक चुके हैं और उन्हें एक नए नेतृत्व की जरूरत है, जो उनके मुद्दों को सही ढंग से उठाए और उनका समाधान करे। प्रशांत किशोर के इन बयानों से यह स्पष्ट है कि बिहार की राजनीति में आगामी चुनावों में नए मुद्दे और नए समीकरण देखने को मिल सकते हैं। नीतीश कुमार पर उठाए गए ये सवाल उनके लिए चुनौती बन सकते हैं, खासकर जब उनके वादों की हकीकत जनता के सामने लाई जा रही है। प्रशांत किशोर ने अपनी नई पार्टी के जरिए बिहार की राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ने का संकेत दिया है। अब देखना यह होगा कि उनकी इस रणनीति का आगामी चुनावों में क्या प्रभाव पड़ता है।

yashoraj infosys best website design company in patna : www.yashoraj.com

You may have missed