शराबबंदी कानून की नीतीश के मंत्री ने खोली पोल, अशोक चौधरी बोले- जहां शराब होगी वहां इस तरह की घटनाएं भी होगी
पटना। बिहार में जहरीली शराब से मौतों की घटनाएं लगातार सरकार और शराबबंदी कानून पर सवाल खड़े कर रही हैं। हाल ही में सिवान जिले के लकड़ी नबीगंज थाना क्षेत्र में कथित रूप से जहरीली शराब पीने से तीन लोगों की मौत का मामला सामने आया है। इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्री अशोक चौधरी का बयान चर्चा में है। उन्होंने कहा कि जहां शराब बिकती है, वहां इस तरह की घटनाएं होती हैं। बिहार में शराबबंदी कानून लागू हुए सात साल से अधिक का समय हो चुका है। सरकार का दावा है कि इस कानून से समाज में सकारात्मक बदलाव आया है, लेकिन जहरीली शराब से होने वाली मौतें इस कानून की प्रभावशीलता पर सवाल खड़ा कर रही हैं। सिवान में जहरीली शराब से हुई मौतों ने इस बहस को और तेज कर दिया है। मंत्री अशोक चौधरी ने कहा, “जहां शराब मिलती है, वहां ऐसी घटनाएं होती हैं। बिहार में जब शराबबंदी नहीं थी, तब भी जहरीली शराब से मौतें होती थीं।” उनका कहना है कि दुष्प्रवृत्ति के लोग हर जगह होते हैं और ऐसे मामलों को ईसू (इश्यू) नहीं बनाना चाहिए। पटना हाईकोर्ट ने हाल ही में शराबबंदी कानून के नकारात्मक प्रभावों को लेकर टिप्पणी की। जस्टिस पूर्णेन्दु सिंह ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि इस कानून के कारण कई नई समस्याएं उत्पन्न हुई हैं। उन्होंने इस कानून की खामियों को रेखांकित करते हुए सरकार को इस पर पुनर्विचार करने की सलाह दी। हालांकि, मंत्री अशोक चौधरी ने इस टिप्पणी पर कहा कि उन्हें अभी इसकी पूरी जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, “अगर इस कानून से कोई समस्या आ रही है, तो सरकार इसे लेकर आगे कार्रवाई करेगी। मंत्री चौधरी ने जहरीली शराब बनाने और बेचने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही। उनका कहना है कि सरकार का उद्देश्य कानून का पालन कराना और दुष्प्रवृत्ति के लोगों पर नियंत्रण रखना है। उन्होंने कहा, “जहरीली शराबकांड क्यों हुआ? कौन लोग दोषी हैं? उनके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई? यह देखना जरूरी है।” उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाएगी। इस बीच, बिहार की चार विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव को लेकर मंत्री चौधरी ने एनडीए की जीत का दावा किया। उन्होंने कहा कि बेलागंज, तरारी, इमामगंज और रामगढ़ सीटें एनडीए के पक्ष में जाएंगी। साथ ही, झारखंड विधानसभा चुनावों को लेकर भी उन्होंने सकारात्मक संकेत दिए और कहा कि वहां से अच्छी खबरें आने की उम्मीद है। बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद जहरीली शराब से मौतों की घटनाएं सरकार और कानून की प्रभावशीलता पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं। मंत्री अशोक चौधरी का यह कहना कि ऐसी घटनाएं पहले भी होती थीं, समस्या का समाधान नहीं है। सरकार को चाहिए कि कानून की खामियों की पहचान करे और उसे दूर करने के लिए ठोस कदम उठाए। साथ ही, जहरीली शराब बनाने और बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करे। केवल कड़ी कार्रवाई और कानून के प्रभावी क्रियान्वयन से ही ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।