September 8, 2024

नीति आयोग की बैठक में नहीं जाएंगे सीएम नीतीश, सम्राट चौधरी करेंगे बिहार का प्रतिनिधित्व

पटना। दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की बैठक से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दूरी बना ली है। इस महत्वपूर्ण बैठक में बिहार सरकार का प्रतिनिधित्व उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा करेंगे। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी, ललन सिंह, और चिराग पासवान भी बैठक में शिरकत करेंगे। लोकसभा चुनाव के बाद यह नीति आयोग की पहली बैठक है, जिसका महत्व इस कारण और बढ़ गया है कि केंद्रीय बजट में बिहार को कई योजनाओं और परियोजनाओं के लिए सहायता राशि मिली है। इस बैठक में राज्यों को मिलने वाली सहायता और अन्य योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। बिहार सरकार इस मौके का लाभ उठाते हुए अपनी विभिन्न मांगों को आयोग के समक्ष रखेगी। नीति आयोग की नौवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में पीने के पानी, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा, भूमि, विज्ञान और तकनीक से जुड़े विभिन्न आयामों पर गंभीर चर्चा होगी। इसके अलावा, ‘भारत-2047’ के तहत विकसित भारत की परिकल्पनाओं पर भी विमर्श किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण बैठक में देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को शामिल होना था, लेकिन गैर-बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस बैठक से दूरी बनाई है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का इस बैठक में शामिल न होना राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। उनके स्थान पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा के साथ-साथ अन्य प्रमुख नेता बिहार का प्रतिनिधित्व करेंगे। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि बिहार सरकार अपनी मांगों को किस तरह से प्रस्तुत करती है और नीति आयोग से किस प्रकार की सहायता और योजनाएं हासिल करने में सफल होती है। नीति आयोग की बैठक में बिहार की प्राथमिकताओं में पीने का पानी, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा, और भूमि सुधार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं। बैठक में यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि बिहार को आवश्यक संसाधन और सहायता मिले ताकि राज्य के विकास की गति को और अधिक तेज किया जा सके। मुख्य बिंदु यह है कि बैठक में विभिन्न विषयों पर व्यापक चर्चा होगी, जिसमें राज्यों को मिलने वाली केंद्रीय सहायता, नई योजनाओं की शुरुआत, और वर्तमान योजनाओं की प्रगति पर विचार-विमर्श शामिल है। बिहार सरकार की ओर से उपमुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के साथ-साथ अन्य वरिष्ठ नेताओं की भागीदारी यह दर्शाती है कि राज्य अपने विकास के प्रति गंभीर है और केंद्र के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है। नीति आयोग की इस बैठक में उठाए गए मुद्दे और बिहार की ओर से रखी गई मांगों पर कितना अमल होता है, यह आने वाले समय में स्पष्ट हो सकेगा। राज्य के विकास और जनहित के मुद्दों पर होने वाली इस बैठक के नतीजे बिहार के भविष्य को किस दिशा में ले जाएंगे, यह देखना दिलचस्प होगा।

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