नीतीश सरकार ने दे दिया चिराग तथा दरोगा अभ्यर्थियों को झटका,’दरोगा चयन’ वाले अधिकारियों को मिला सेवा विस्तार

पटना।(संतोष कुमार)दरोगा भर्ती परीक्षा में अनियमितता तथा धांधली का आरोप लगाने वाले दरोगा अभ्यर्थियों के आंदोलन को आज बिहार सरकार ने बड़ा झटका दे दिया है। बिहार सरकार ने यह झटका ना सिर्फ दरोगा अभ्यर्थियों को बल्कि अपने सहयोगी दल लोजपा को भी दिया है।बिहार सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग के अध्यक्ष समेत चार सदस्यों का कार्यकाल आगामी तीन वर्षों के लिए बढ़ा दिया गया है।प्राप्त सूचना के मुताबिक आयोग के अध्यक्ष और रिटायर आईपीएस सुनीत कुमार का कार्यकाल इसी साल 4 अप्रैल को समाप्त हो रहा था।वहीं सदस्य सचिव अरुण कुमार सिन्हा के कार्यकाल की समाप्ति भी 4 अप्रैल को होनी थी।इसके अतिरिक्त अन्य सदस्य ए.के. प्रसाद और अनवर हुसैन का कार्यकाल इसी मार्च में समाप्त होने वाला था।मगर सरकार ने एक साथ इन चारों को तीन वर्ष का सेवा विस्तार दे दिया है।गौरतलब है कि बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग के द्वारा संपन्न कराई गई दरोगा भर्ती परीक्षा में कथित अनियमितता तथा धांधली को लेकर दरोगा अभ्यर्थियों द्वारा आंदोलन किया जा रहा है।इस आंदोलन को लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान का भी साथ मिला। चिराग पासवान ने पत्र लिखकर प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की थी।मगर लोजपा प्रमुख का पत्र बेअसर निकला,सरकार ने आज बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग के अध्यक्ष सदस्य सचिव समेत दो सदस्यों को सेवा विस्तार दे दिया।सरकार के अधिसूचना ने सरकार की मंशा को उजागर कर दिया है। इसके पूर्व आयोग के अध्यक्ष ने साफ तौर पर कहा था कि दरोगा भर्ती परीक्षा में किसी प्रकार की कोई धांधली नहीं हुई है। बिहार सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के बाद अब आगे दरोगा अभ्यर्थियों का क्या रुख होगा?लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान ने दरोगा अभ्यर्थियों को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया था। मगर नीतीश सरकार के इस कदम से यह साफ जाहिर होता है कि सरकार लोजपा सुप्रीमो के मांग को नजरअंदाज कर रही है।
