हरियाणा के पूर्व सीएम के निधन पर नीतीश ने जताया शोक, कहा- राजनीति में उनका महत्वपूर्ण योगदान , देश के लिए बड़ी क्षति
- ओम प्रकाश चौटाला सीएम ने लिखा शोक संदेश…बोले- वे एक परिपक्व नेता…निधन से मुझे व्यक्तिगत पहुंचा दुख
पटना। गुरुग्राम में शुक्रवार को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला का 89 वर्ष की आयु में हार्ट अटैक के कारण निधन हो गया। उनके निधन की खबर से राजनीतिक और सामाजिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई। ओम प्रकाश चौटाला, जो चार बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके थे, देश की राजनीति में एक प्रतिष्ठित नाम थे। उनके निधन पर देशभर के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और गहरा दुख व्यक्त किया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी ओम प्रकाश चौटाला के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा, “ओम प्रकाश चौटाला एक प्रख्यात राजनेता और समाजसेवी थे। उनकी सादगी और सेवाभाव से हरियाणा और देश की राजनीति में उनका अमूल्य योगदान रहा है। उनके निधन से मुझे व्यक्तिगत रूप से गहरा दुख पहुंचा है। नीतीश कुमार ने ओम प्रकाश चौटाला के निधन को हरियाणा और पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति बताया। उन्होंने कहा कि चौटाला का योगदान न केवल राजनीति तक सीमित था, बल्कि उन्होंने समाजसेवा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और उनके परिवारजनों को इस कठिन समय में धैर्य प्रदान करने की कामना की।
किसान राजनीति के स्तंभ
वही जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने ओम प्रकाश चौटाला को “किसान राजनीति का प्रतीक” बताया। उन्होंने कहा, “ओम प्रकाश चौटाला हरियाणा के किसानों के गौरव के प्रतीक थे। उनके निधन से किसान राजनीति अनाथ हो गई है। चौटाला का जीवन किसानों के अधिकारों की लड़ाई और ग्रामीण विकास के लिए समर्पित था। उन्होंने अपने पिता और देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री देवी लाल से प्रेरणा लेकर राजनीति में कदम रखा और किसानों के कल्याण के लिए अनेक प्रयास किए।
एक सशक्त नेतृत्वकर्ता का अंत
ओम प्रकाश चौटाला हरियाणा के चार बार मुख्यमंत्री रह चुके थे और उन्होंने अपनी नेतृत्व क्षमता से राज्य को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाया। वह भारतीय राजनीति में एक सशक्त और प्रभावशाली व्यक्तित्व के रूप में जाने जाते थे। उनके कार्यकाल में हरियाणा ने कृषि, शिक्षा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल कीं। चौटाला ने न केवल हरियाणा बल्कि पूरे देश में किसानों और ग्रामीण समुदाय के विकास के लिए अपनी आवाज बुलंद की। वह अपने स्पष्ट विचारों और दृढ़ संकल्प के लिए पहचाने जाते थे। उनके निधन से भारतीय राजनीति में एक ऐसा खालीपन आ गया है जिसे भर पाना मुश्किल है।
शोक संदेशों की बाढ़
ओम प्रकाश चौटाला के निधन के बाद देशभर के नेताओं ने अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, और कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई अन्य नेताओं ने चौटाला के निधन को राष्ट्रीय क्षति करार दिया। किसान संघों और सामाजिक संगठनों ने भी उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। हरियाणा के किसान संगठनों ने कहा कि चौटाला की कमी हमेशा महसूस होगी, खासकर किसान आंदोलन और ग्रामीण विकास के मुद्दों पर।
चौटाला का परिवार और राजनीतिक विरासत
ओम प्रकाश चौटाला देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री देवी लाल के बेटे थे। देवी लाल भारतीय राजनीति में किसानों के मसीहा के रूप में जाने जाते थे। चौटाला ने अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाते हुए हरियाणा में किसान और ग्रामीण विकास की राजनीति को मजबूत किया। चौटाला के परिवार का राजनीति में विशेष प्रभाव रहा है। उनके नेतृत्व में इंडियन नेशनल लोकदल ने हरियाणा की राजनीति में एक मजबूत स्थान बनाया। हालांकि, उनके जीवन में कई विवाद भी जुड़े रहे, लेकिन उनकी जनसेवा और विकास कार्यों को नकारा नहीं जा सकता। ओम प्रकाश चौटाला के निधन से हरियाणा और देश ने एक अनुभवी राजनेता और समाजसेवी खो दिया है। उनका जीवन किसानों, मजदूरों और समाज के कमजोर वर्गों की सेवा के लिए समर्पित था। उन्होंने भारतीय राजनीति को एक नई दिशा दी और अपने कार्यों से लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया। उनका निधन न केवल हरियाणा के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति है। उनकी कमी को पूरा करना आसान नहीं होगा। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा, और उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।