January 9, 2025

खरमास के बाद होगा नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार, बीजेपी से चार बनेंगे मंत्री, जदयू से भी नए चेहरे लेंगे शपथ

पटना। बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार 15 जनवरी के बाद किसी भी समय हो सकता है। सूत्रों के अनुसार, यह प्रक्रिया 30 जनवरी तक पूरी कर ली जाएगी। इस विस्तार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से चार नए चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल किए जाएंगे। साथ ही, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) से भी दो नए चेहरों को मौका दिए जाने की संभावना है।
मंत्री पद की वैकेंसी और नए चेहरों का चयन
बिहार सरकार में वर्तमान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दो उपमुख्यमंत्रियों सहित कुल 30 मंत्री हैं। हालांकि, विधानसभा की कुल सदस्य संख्या के अनुसार, मंत्रिमंडल में अधिकतम 36 मंत्री हो सकते हैं। इसका मतलब है कि 6 पद अभी खाली हैं। भाजपा कोटे से 15 मंत्री वर्तमान में कैबिनेट में हैं, और अब इनमें 4 नए चेहरों को जोड़ा जाएगा। सूत्र बताते हैं कि भाजपा के मंत्रियों के पास वर्तमान में जो अतिरिक्त विभाग हैं, उन्हें नए मंत्रियों के बीच बांटा जाएगा। पटना, तिरहुत, और सारण प्रमंडलों से विधायकों को तरजीह देने की योजना बनाई जा रही है। जातिगत संतुलन को ध्यान में रखते हुए, जिन मंत्रियों के विभाग बदले जाएंगे, उनके स्थान पर समान जाति के विधायकों या एमएलसी को नियुक्त किया जाएगा।
अतिरिक्त विभागों का वितरण
वर्तमान मंत्रिमंडल में कई मंत्रियों के पास एक से अधिक विभाग हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास पांच विभाग हैं, जबकि उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के पास वित्त और वाणिज्य जैसे प्रमुख विभाग हैं। दूसरे उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के पास पथ निर्माण, खान एवं भूतत्व विभाग और कला-संस्कृति एवं युवा विभाग सहित तीन विभाग हैं। जदयू कोटे से विजय कुमार चौधरी जल संसाधन और संसदीय कार्य संभाल रहे हैं। प्रेम कुमार के पास सहकारिता और पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन जैसे विभाग हैं। वहीं, भाजपा कोटे के मंगल पांडे स्वास्थ्य और कृषि विभाग संभाल रहे हैं। यह विस्तार नए चेहरों को जिम्मेदारी देने और मंत्रियों के कार्यभार को संतुलित करने की कोशिश करेगा।
कैबिनेट विस्तार का उद्देश्य
इस विस्तार का उद्देश्य सरकार के प्रदर्शन को बेहतर करना और क्षेत्रीय एवं जातीय संतुलन को बनाए रखना है। साथ ही, जिन मंत्रियों के कार्य में सुधार की आवश्यकता महसूस की जा रही है, उन्हें बदला जा सकता है। नई नियुक्तियां और विभागों का पुनः वितरण मंत्रिमंडल को अधिक प्रभावी बनाने की कोशिश हैं। नीतीश मंत्रिमंडल का यह विस्तार न केवल सरकार की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए है, बल्कि आगामी राजनीतिक समीकरणों को साधने का प्रयास भी है। भाजपा और जदयू के बीच सत्ता-साझेदारी के इस संतुलन से बिहार की राजनीति में नई दिशा मिलने की संभावना है।

yashoraj infosys best website design company in patna : www.yashoraj.com

You may have missed