पटना में शुक्रवार को होगी नीतीश कैबिनेट की बैठक, नौकरी और रोजगार के कई प्रस्तावों पर रहेगी नज़र

पटना। बिहार की राजनीति में एक बार फिर से हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई है जो मुख्य सचिवालय स्थित मंत्रिमंडल कक्ष में शाम चार बजे से आयोजित होगी। इस बैठक को खास महत्व इसलिए दिया जा रहा है क्योंकि यह विधानसभा चुनाव के पहले का एक अहम निर्णयात्मक दौर माना जा रहा है।
सभी मंत्री होंगे मौजूद
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में सभी विभागों के मंत्री भाग लेंगे। सरकार की यह कोशिश होगी कि जनता से किए गए वादों को धरातल पर उतारने के लिए तेजी से फैसले लिए जाएं। मुख्यमंत्री पहले ही कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि वे बिना काम पूरा किए जनता के सामने वोट मांगने नहीं जाएंगे। ऐसे में यह बैठक चुनाव से पहले सरकार की रणनीति का एक मजबूत हिस्सा बन सकती है।
रोजगार पर रहेगा विशेष ध्यान
इस बैठक में सबसे अधिक ध्यान नौकरी और रोजगार से जुड़े प्रस्तावों पर रहेगा। मुख्यमंत्री ने राज्य के युवाओं से 12 लाख नौकरियों का वादा किया था। इस दिशा में काम तेज़ी से चल रहा है और अबतक लाखों युवाओं को विभिन्न विभागों में नौकरी दी जा चुकी है। अब सरकार ने 10 विभागों में खाली पड़े कुल 49 हजार 591 पदों पर बहाली की प्रक्रिया तुरंत शुरू करने का निर्देश दिया है।
रिक्तियों पर तेज़ी से कार्रवाई
मुख्य सचिव ने सभी विभागों को निर्देश दिया है कि रिक्तियों की पहचान कर भर्ती प्रक्रिया में देरी न की जाए। सरकार चाहती है कि चुनाव से पहले अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिले ताकि वादा पूरा हो सके और सरकार की छवि बेहतर बने। विभागों से लगातार रिक्तियों की जानकारी मांगी जा रही है और प्रयास हो रहा है कि हर स्तर पर पारदर्शिता बनी रहे।
चुनावी वर्ष में मिल सकती हैं और सौगातें
चुनावी साल में यह कैबिनेट बैठक सिर्फ नौकरी ही नहीं, बल्कि अन्य जनहित से जुड़े प्रस्तावों पर भी मुहर लगा सकती है। माना जा रहा है कि शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में भी सरकार कुछ बड़ी घोषणाएं कर सकती है।
जनता से जुड़े वादों को प्राथमिकता
नीतीश कुमार की सरकार का प्रयास है कि जिन वादों के साथ सत्ता में आई थी, उन्हें पूरा कर जनता के बीच दोबारा विश्वास कायम किया जाए। यही वजह है कि कैबिनेट बैठक में ऐसे प्रस्ताव लाए जा रहे हैं जिनका सीधा लाभ आम जनता को मिले। इससे पहले भी सरकार ने कई योजनाएं जैसे मुख्यमंत्री उद्यमी योजना, छात्रवृत्ति योजना, वृद्धावस्था पेंशन जैसी कई जनकल्याणकारी योजनाएं लागू की हैं। शुक्रवार को होने वाली यह कैबिनेट बैठक सिर्फ एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि चुनावी तैयारियों का अहम हिस्सा मानी जा रही है। रोजगार और विकास के मोर्चे पर सरकार जनता को कितना संतुष्ट कर पाएगी, इसका फैसला आने वाले महीनों में होगा। लेकिन इस बैठक से उम्मीद की जा रही है कि राज्य के युवाओं के लिए कुछ सकारात्मक निर्णय जरूर लिए जाएंगे।

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