सदन में नीतीश ने तेजस्वी से इशारे में पूछा, दाढ़ी क्यों नहीं बनाते, दोनों मुस्कुराए, खुशनुमा हुआ माहौल

पटना। बिहार विधानसभा का बजट सत्र आमतौर पर राजनीतिक बहस और गहमागहमी से भरा होता है, लेकिन कभी-कभी सदन में हल्के-फुल्के मज़ाक और इशारों की भाषा में संवाद भी देखने को मिलता है। ऐसा ही एक दिलचस्प वाकया बुधवार को विधानसभा सत्र के दौरान देखने को मिला, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच एक मज़ेदार इशारों का सिलसिला चला।
नीतीश ने पूछा- दाढ़ी क्यों नहीं बनाते
बुधवार को बजट सत्र के 12वें दिन सदन की कार्यवाही के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव की ओर इशारा करते हुए उनसे मज़ाकिया अंदाज में सवाल किया। उन्होंने अपने गाल पर हाथ फेरते हुए इशारों में पूछा, “दाढ़ी क्यों नहीं बनाते हो?” मुख्यमंत्री का यह इशारा देखते ही तेजस्वी यादव मुस्कुराने लगे और सदन में मौजूद अन्य सदस्य भी इस हल्के-फुल्के मज़ाक का आनंद लेने लगे। मंत्री विजय चौधरी भी इस दौरान मुस्कुराते नजर आए। इस छोटी-सी बातचीत ने सदन के माहौल को खुशनुमा बना दिया।
पहले भी हुई थी ऐसी मज़ाकिया बातचीत
यह पहली बार नहीं था जब सदन में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच इस तरह की मज़ाकिया बातचीत देखने को मिली। इससे पहले 3 मार्च को जब डिप्टी सीएम सदन में बजट पेश कर रहे थे, तब भी मुख्यमंत्री और तेजस्वी के बीच एक दिलचस्प संवाद हुआ था। उस समय नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव की ओर देखते हुए पूछा था, “क्या चबा रहे हो?” इसपर तेजस्वी ने तुरंत जवाब दिया, “पल्स चॉकलेट खा रहा हूं।” इस मज़ाकिया बातचीत के दौरान भी सदन का माहौल हल्का-फुल्का हो गया था और कई सदस्य मुस्कुराते नजर आए थे।
हाजीपुर की सड़क को लेकर हुई बहस
हल्के-फुल्के मज़ाक के अलावा सदन में कुछ मुद्दों पर चर्चा भी हुई। हाजीपुर में सड़क निर्माण को लेकर पथ निर्माण विभाग के मंत्री नितिन नवीन और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच हल्की बहस हुई। चर्चा के दौरान विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने तेजस्वी यादव से मज़ाकिया लहजे में कहा, “बढ़िया है, पटना में रहता है। वहां रहता तो लड़ लेता।” इसपर तेजस्वी यादव भी हंसने लगे और माहौल हल्का हो गया। इसके बाद तेजस्वी यादव खड़े हुए और जवाब दिया, “हाजीपुर में रोड रहेगा तब न वहां के लोग यहां आएंगे।” इस बयान के बाद सदन में मौजूद कई सदस्य मुस्कुराने लगे।
राजनीति से इतर सदन में हल्के-फुल्के पल
बिहार विधानसभा में आमतौर पर राजनीतिक खींचतान और गंभीर बहसें देखने को मिलती हैं, लेकिन कभी-कभी इस तरह के मज़ाकिया लम्हे भी सदन के माहौल को हल्का बना देते हैं। मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष के बीच होने वाली ये हंसी-मजाक की बातें दर्शाती हैं कि राजनीतिक मतभेदों के बावजूद व्यक्तिगत संबंधों में गर्मजोशी बनी रह सकती है। इस तरह की बातचीत न केवल सदन के गंभीर माहौल को हल्का बनाती है, बल्कि नेताओं के मानवीय पक्ष को भी उजागर करती है। इससे यह भी पता चलता है कि राजनीति में केवल विवाद और बहस ही नहीं, बल्कि हंसी-मजाक और सौहार्द भी जगह बना सकते हैं।
