विधान परिषद में नीतीश और राबड़ी की फिर हुई भिड़ंत, जमकर हंगामा, खूब लगे आरोप

- नीतीश बोले- इनके कल में महिलाओं की खराब स्थिति थी, कोई भी महिला पढ़ नहीं पाती थी
- पूर्व सीएम का पलटवार, नीतीश ने लगातार महिलाओं का अपमान किया, यह बात सब जानते हैं
पटना। बिहार विधान परिषद में एक बार फिर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव देखने को मिला। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी आमने-सामने आ गए, जिससे सदन में जोरदार हंगामा हुआ। माहौल इतना गर्म हो गया कि सभापति को खुद हस्तक्षेप कर शांति बनाने की कोशिश करनी पड़ी।
नीतीश भड़के, कहा- महिलाओं की स्थिति दयनीय थी, वे पढ़-लिख नहीं पाती थीं
राबड़ी देवी ने सदन में जब एक मुद्दा उठाया, तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भड़क गए और उन्होंने राजद शासनकाल पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि पहले महिलाओं की स्थिति बेहद दयनीय थी, वे पढ़-लिख नहीं पाती थीं और उनके लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं थी। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने महिलाओं के लिए कई सुधार किए हैं और उनकी स्थिति को बेहतर बनाया है।
राबड़ी का पलटवार, नीतीश कुमार खुद महिलाओं का अपमान करते है
मुख्यमंत्री के इन आरोपों का जवाब देते हुए राबड़ी देवी ने कहा कि नीतीश कुमार खुद महिलाओं का अपमान करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम के कान भरने वाले लोग उन्हें भड़काते हैं और इसके बाद वे महिलाओं को नीचा दिखाने वाले बयान देते हैं। राबड़ी देवी ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार ने हमेशा महिलाओं की उपेक्षा की है और जनता इस बात को अच्छी तरह जानती है।
शिक्षकों के वेतन पर भी उठा सवाल
सदन में शिक्षकों के वेतन भुगतान का मुद्दा भी जोर-शोर से उठाया गया। विधान पार्षद संजीव कुमार सिंह ने कहा कि होली और रमजान जैसे बड़े त्योहारों के समय भी सरकारी शिक्षकों को वेतन नहीं मिला है, जो बेहद चिंताजनक है। इस पर सभापति अवधेश नारायण सिंह ने भी सहमति जताई और सरकार से इस मामले पर तुरंत संज्ञान लेने की अपील की। विपक्षी सदस्यों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि शिक्षकों को समय पर वेतन न मिलना उनके परिवारों के लिए आर्थिक संकट का कारण बन रहा है। विपक्ष ने सरकार से इस पर तुरंत कार्रवाई करने की मांग की और शिक्षकों को समय पर वेतन देने की व्यवस्था सुनिश्चित करने की अपील की।
सदन में हंगामे का माहौल
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान सदन का माहौल काफी गरम रहा। जब नीतीश कुमार बोल रहे थे, तो राजद के सदस्य विरोध में वेल तक पहुंच गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच लगातार तीखी बहस चलती रही, जिससे सदन की कार्यवाही भी प्रभावित हुई। बिहार विधान परिषद की यह बहस दर्शाती है कि राज्य में राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने का कोई मौका नहीं छोड़ते। महिलाओं के मुद्दे और शिक्षकों के वेतन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी सियासी खींचतान देखने को मिल रही है। अब देखना यह होगा कि सरकार शिक्षकों की वेतन समस्या का समाधान करती है या यह विवाद और लंबा खिंचता है।
