जम्मू कश्मीर में एनआईए का बड़ा एक्शन, 12 ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी, प्रदेश में हड़कंप

श्रीनगर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों पर बड़ी कार्रवाई की है। बीते दिनों सीमा पार से बढ़ती घुसपैठ की घटनाओं को देखते हुए एनआईए ने जम्मू के 12 अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई से प्रदेश में हड़कंप मच गया है।
किन लोगों के खिलाफ हुई कार्रवाई?
एनआईए की इस छापेमारी में उन लोगों को निशाना बनाया गया है जो आतंकवादी संगठनों को लॉजिस्टिक सपोर्ट देने का काम करते थे। इनमें ओवरग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) भी शामिल हैं। ये लोग आतंकवादियों को सुरक्षित ठिकाने, रसद और सीमा पार से भारत में प्रवेश के लिए रास्ते उपलब्ध कराने में मदद करते थे।
घुसपैठ और आतंकवादियों को दी जा रही मदद
अधिकारियों के मुताबिक, जम्मू क्षेत्र के गांवों में रहने वाले कुछ स्थानीय लोग आतंकवादी गुटों की सहायता कर रहे थे। ये लोग लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों से जुड़े आतंकवादियों को पनाह, भोजन और आर्थिक सहायता प्रदान कर रहे थे। एनआईए ने पिछले साल 24 अक्टूबर को हुई घुसपैठ की घटनाओं को लेकर इनके खिलाफ मामला दर्ज किया था। जांच में यह पाया गया कि आतंकवादियों को अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी के जरिए भारत में प्रवेश दिलाने में इन्हीं लोगों की भूमिका थी।
हाइब्रिड आतंकवादियों की भूमिका
एनआईए के एक अधिकारी के अनुसार, इन छापेमारियों में हाइब्रिड आतंकवादियों और ओजीडब्ल्यू से जुड़े संदिग्धों को भी निशाना बनाया गया है। हाइब्रिड आतंकवादी वे होते हैं जो सामान्य नागरिकों की तरह रहते हैं, लेकिन जरूरत पड़ने पर आतंकी संगठनों के लिए काम करते हैं। ये लोग आतंकवादी गुटों की शाखाओं से जुड़े रहते हैं और गुप्त रूप से आतंकवाद को बढ़ावा देने में भूमिका निभाते हैं।
गृह मंत्रालय की कड़ी नजर
इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस साल अब तक तीन बार जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की समीक्षा की है। इन बैठकों में उन्होंने सुरक्षा बलों को आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने और जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करने का निर्देश दिया है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियां मिलकर यह सुनिश्चित करने में लगी हैं कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी संगठनों को किसी भी तरह की सहायता न मिले।
एनआईए की जांच और आगे की कार्रवाई
एनआईए की इस ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद आतंकवादियों के मददगारों पर और शिकंजा कसने की संभावना है। जांच एजेंसी जल्द ही गिरफ्तार किए गए संदिग्धों से पूछताछ कर सकती है और इस नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों की पहचान करने का प्रयास कर रही है। एनआईए की इस छापेमारी से आतंकवादी संगठनों और उनके मददगारों के खिलाफ कड़ा संदेश गया है। यह कार्रवाई दर्शाती है कि सुरक्षा एजेंसियां आतंकवाद को किसी भी हाल में पनपने नहीं देंगी। आने वाले समय में इस तरह के और भी ऑपरेशन देखने को मिल सकते हैं ताकि जम्मू-कश्मीर में शांति और स्थिरता बनी रहे।
