भारत में नए मैंगनीज वाले क्षेत्रों की संभावनाओं का पता लगाने का निर्देश
- इस्पात मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक आयोजित
पटना। केन्द्रीय इस्पात मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह ने मंगलवार को इस्पात मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता की और सभी सदस्यों ने ‘भारत में मैंगनीज अयस्क उद्योग के विकास’ के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया। इस बैठक इस्पात और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते और इस्पात मंत्रालय तथा केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
केंद्रीय मंत्री और समिति के अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने इस्पात मंत्रालय के तहत केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों को राज्य सरकारों के साथ मैंगनीज अयस्क की खोज का मुद्दे उठाने और राष्ट्रीय इस्पात नीति, 2017 के अनुसार मैंगनीज अयस्क के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भारत में नए मैंगनीज वाले क्षेत्रों की संभावनाओं का पता लगाने का भी निर्देश दिया। इससे आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। श्री सिंह ने यह भी बताया कि मौजूदा प्रगति के अनुसार, इस वर्ष देश में इस्पात का 115 मिलियन मीट्रिक टन का रिकॉर्ड उत्पादन अर्जित करने की संभावना है।
बैठक के दौरान मैंगनीज अयस्क के उपयोग, मैंगनीज अयस्क के वैश्विक परिदृश्य, भारत में मैंगनीज का उत्पादन और देश के मैंगनीज उत्पादन में मैंगनीज ओर (इंडिया) लिमिटेड (एमओआईएल) के योगदान तथा 2030 तक देश में स्टील की मांग के अनुसार भविष्य की प्रमुख योजना सहित कई मुद्दों के बारे में विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। एमओआईएल देश के उत्पादन में लगभग 45 प्रतिशत का योगदान दे रहा है और इसने वर्ष 2024-25 तक 1.8 मिलियन मीट्रिक टन और वर्ष 2030 तक 3.5 मिलियन मीट्रिक टन तक उत्पादन बढ़ाने की योजना बनाई है।
समिति के सदस्यों ने झारखंड, ओडिशा और कर्नाटक में खनिजों की खोज और सर्वेक्षण करने तथा ई-वाहनों की बैटरियों में मैंगनीज के उपयोग की संभावना के बारे में काम करने के लिए एक अनुसंधान एवं विकास टीम का गठन करने का सुझाव दिया।