नेनो-टेक्नोलॉजी से होगा पशुओं का उपचार : बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय व आर्यभट ज्ञान विश्वविद्यालय के बीच हुआ समझौता
पटना(अजीत)। बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय व आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के बीच मंगलवार को अनुसंधान और शैक्षणिक सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। ये दोनों विश्वविद्यालय पशुओं के इलाज के लिए नैनो टेक्नोलॉजी के उपयोग पर काम करेंगे। वर्तमान में बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय ने घाव भरने के लिए नैनोमटेरियल्स पर काम करना शुरू कर दिया है, रासायनिक तरीकों का उपयोग करके इन सामग्रियों को तैयार करने की योजना बनाई जा रही है और इसके प्रयोग के लिए उनके भौतिक और बायोमेडिकल गुणों को मापा जा रहा है। आर्यभट ज्ञान विश्वविद्यालय में भौतिक-रासायनिक गुणों के माप, संश्लेषण और अन्य संबंधित कार्यों से संबंधित नैनोमटेरियल्स अनुसंधान गतिविधियों के लिए उत्कृष्ट सुविधाएं हैं, वही इधर पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में प्रायोगिक पशु मॉडल और नैदानिक परीक्षण सुविधाओं जैसी सुविधाएं हैं और इसलिए, दोनों विश्वविद्यालय समझौते के बाद सहक्रियात्मक लाभों का उपयोग कर सकेंगे। समझौता ज्ञापन पर पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रामेशवर सिंह की उपस्थिति में डॉ. वीर सिंह, डीआरआई-सह-डीन पीजीएस और डॉ. राजीव रंजन, रजिस्ट्रार, एकेयू द्वारा हस्ताक्षर किए गए, रजिस्ट्रार, पशु विज्ञान विवि, डॉ. संजीव कुमार, निदेशक अनुसंधान डॉ.वी.के. सक्सेना, निदेशक प्रसार शिक्षा, डॉ.ए.के. ठाकुर, छात्र कल्याण पदाधिकारी डॉ.ए.के. शर्मा, डॉ. राकेश कुमार सिंह, प्रमुख सेंटर फॉर नैनोसाइंस एंड नैनोटेक्नोलॉजी, एकेयू और वित्त अधिकारी, एकेयू, रामजी सिंह इस अवसर पर उपस्थित थे।