नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस उद्घाटन पर सीएम ने जताया पीएम का आभार, राजगीर आने पर दिया धन्यवाद

  • सीएम नीतीश बोले- नालंदा दुनिया का सबसे पौराणिक स्थल, हमलोग लगातार इसके विकास के लिए काम कर रहे

नालंदा/पटना। नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस के उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया। नीतीश कुमार ने कहा कि यह खुशी की बात है कि पीएम मोदी पहली बार राजगीर पहुंचे हैं और नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा, “जब मुझे पता चला कि आप यहां आ रहे हैं, तो मुझे बहुत खुशी हुई। सीएम नीतीश कुमार ने बताया कि नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास बहुत गौरवशाली है। प्राचीन काल में यह विश्वविद्यालय शिक्षा का केंद्र था, जहां करीब 10,000 छात्र और 2,000 शिक्षक अध्ययन और अध्यापन करते थे। उन्होंने कहा कि 24 नवंबर 2005 से जब हमें काम करने का मौका मिला, हमने बिहार में विकास कार्यों की शुरुआत की। 1200 ईस्वी में नालंदा विश्वविद्यालय नष्ट हो गया था, लेकिन मार्च 2006 में एपीजे अब्दुल कलाम ने बिहार के दौरे पर नालंदा विश्वविद्यालय की पुनर्स्थापना की बात की थी।
हमने इसके विकास के लिए 2014 में कानून बनाकर पढ़ाई करवाना शुरू किया
नीतीश कुमार ने बताया कि तब से हमने नालंदा विश्वविद्यालय को पुनः स्थापित करने की पहल की। इसके लिए नया कानून बनाया गया और 2014 से यहां पढ़ाई शुरू हुई। एनडीए सरकार बनने पर विश्वविद्यालय के कार्यों में तेजी आई। उन्होंने कहा, “नालंदा दुनिया का सबसे पौराणिक स्थल है और हमलोग इसके विकास के लिए लगातार काम कर रहे हैं।”
आगे भी इसके विकास के लिए काम करते रहेंगे
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन किया। इस मौके पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर और 17 देशों के राजदूत भी शामिल हुए। विश्वविद्यालय का नया परिसर नालंदा के प्राचीन खंडहर स्थल के करीब स्थित है। प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर भी मौजूद रहे। इस उद्घाटन के अवसर पर नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया और कहा कि पुराने नालंदा विश्वविद्यालय का कैंपस बहुत बड़ा था, जिसमें 20 से 25 किमी तक के गांव जुड़े हुए थे। उन्होंने कहा, “हमने नालंदा विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की पूरी कोशिश की है और आगे भी इसके विकास के लिए काम करते रहेंगे। दरअसल, 2007 में हुए पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के दौरान प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय को पुनर्जीवित करने पर चर्चा उठी थी। इसके बाद भारत की तत्कालीन यूपीए सरकार ने 2010 में नालंदा विश्वविद्यालय अधिनियम पारित कराया। 2014 में केंद्र में एनडीए सरकार बनने के बाद तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 19 सितंबर 2014 को नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस की नींव रखी। लगभग 9 साल के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार 19 जून 2024 को इस कैंपस का लोकार्पण किया।
नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस की खासियत
यह परिसर ऐतिहासिक नगरी राजगीर की पंच पहाड़ियों में से एक वैभारगिरि की तलहटी में बनाया गया है। करीब 455 एकड़ में फैले नए कैंपस में 1750 करोड़ रुपये की लागत से नए भवनों और अन्य सुविधाओं का निर्माण किया गया। अभी इस कैंपस का काम चल रहा है। नालंदा यूनिवर्सिटी के कैंपस में 24 इमारतें हैं।
प्राकृतिक छटाओं और पानी से गिरा है नया कैंपस
प्रकृति की गोद में बसा नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस का नजारा बहुत मनमोहक है। इस परिसर के एक चौथाई हिस्से में पानी है। विभिन्न भवनों के आसपास जलाशय बनाए गए हैं। जो बिहार की पारंपरिक आहर पईन जल संयन प्रणाली पर आधारित हैं। यानी कि इस कैंपस में आधुनिकता के साथ परंपरा का भी संगम देखने को मिलता है।

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