शादियों के सीजन में महंगाई का बड़ा झटका, सरसों तेल पांच रुपए लीटर महंगा, सोयाबीन तेल के भी दम बढे
पटना। राजधानी समेत पुरे प्रदेश में जैसे ही शादी-विवाह का मौसम शुरू हुआ, महंगाई ने आम जनता की जेब पर भारी दबाव डाल दिया है। खाद्य तेल और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में तेज उछाल देखा जा रहा है। सरसों, सोयाबीन, और पाम ऑयल की कीमतें पिछले कुछ दिनों में बढ़ गई हैं। इसी के साथ, लहसुन की कीमतों में भी जबरदस्त वृद्धि हुई है। इन सभी कारणों से न केवल घर का बजट प्रभावित हुआ है, बल्कि शादी समारोहों की लागत भी बढ़ गई है।
खाद्य तेल की कीमतों में उछाल
पाम ऑयल जो अक्टूबर में 120 रुपये प्रति लीटर बिकने वाला पाम ऑयल अब 150 रुपये प्रति लीटर के स्तर पर पहुंच गया है। यह एक सप्ताह में ही लगभग 25% की वृद्धि है। वही सरसों तेल पिछले चार दिनों में इसकी कीमत 155-185 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 160-190 रुपये प्रति लीटर हो गई है। साथ ही सोयाबीन तेल पहले 135-145 रुपये प्रति लीटर था, जो अब 145-155 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया है।
कीमतें बढ़ने के कारण
सरकार द्वारा सोयाबीन और पाम के कच्चे तेल पर आयात शुल्क बढ़ाए जाने का सीधा असर खुदरा बाजार पर पड़ा है। आयात शुल्क बढ़ने से कच्चे माल की कीमतें बढ़ीं, जिसका असर खाद्य तेलों पर पड़ा। शादियों के मौसम में सरसों और सोयाबीन तेल की मांग तेजी से बढ़ जाती है। किराना कारोबारियों के अनुसार, मांग और आपूर्ति में असंतुलन के कारण दामों में इजाफा हुआ है। कारोबारियों ने बढ़ती मांग को देखते हुए पहले ही अधिक स्टॉक करना शुरू कर दिया, जिससे बाजार में कीमतें और बढ़ गईं।
लहसुन की आसमान छूती कीमतें
खाद्य तेल के अलावा, लहसुन की कीमतों में भी जबरदस्त उछाल देखा गया है। दीपावली से पहले लहसुन की कीमत 300 रुपये प्रति किलो थी। अब यह 500 रुपये प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गई है। लहसुन की बढ़ी हुई कीमतों का कारण इसके उत्पादन और आपूर्ति में कमी है। लहसुन की खेती मुख्य रूप से कुछ राज्यों तक सीमित है, और वहां खराब मौसम के कारण फसल उत्पादन प्रभावित हुआ है। शादी समारोहों और त्योहारों में इसकी मांग बढ़ने से भी कीमतें तेज हो गई हैं।
शादी-विवाह का बजट प्रभावित
खाद्य तेल और लहसुन जैसी जरूरी वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि ने शादी-विवाह के आयोजन करने वालों को मुश्किल में डाल दिया है। भोज, हलवाई, और अन्य व्यवस्थाओं के खर्चे अब अधिक हो गए हैं। जहां पहले बजट में समारोह आयोजित हो जाता था, वहीं अब बढ़ती महंगाई के चलते लोगों को अपनी योजनाओं में कटौती करनी पड़ रही है।
आम आदमी पर असर
महंगाई का यह झटका सिर्फ शादी-विवाह तक सीमित नहीं है। यह हर घर की रसोई तक पहुंच चुका है। खाने-पीने की जरूरी चीजें महंगी होने से आम आदमी के मासिक बजट पर भारी बोझ पड़ा है। विशेष रूप से निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोग इस महंगाई से अधिक प्रभावित हो रहे हैं। शादी-विवाह के इस व्यस्त सीजन में बढ़ती महंगाई ने आम लोगों को कठिन परिस्थितियों में डाल दिया है। खाद्य तेल और लहसुन की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी न केवल घरेलू बजट बल्कि उत्सवों की भव्यता पर भी असर डाल रही है। सरकार को त्वरित कदम उठाने की जरूरत है ताकि महंगाई के इस बोझ से जनता को राहत मिल सके।