कृष्ण जन्मभूमि मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज की मुस्लिम पक्ष की याचिका, सुप्रीम कोर्ट में देंगे चुनौती
मथुरा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में कृष्ण जन्मभूमि मामले में मुस्लिम पक्ष द्वारा दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है। इस निर्णय के बाद मुस्लिम पक्ष ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का निर्णय लिया है। यह मामला मथुरा में स्थित कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद से जुड़ा है।इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच ने मुस्लिम पक्ष की ऑर्डर 7 रूल 11 की आपत्ति वाली याचिका को खारिज कर दिया है।दरअसल, मधुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद को लेकर मुस्लिम पक्ष की तरफ से दायर याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की। मुस्लिम पक्ष ने इस विवाद से जुड़ी याचिकाओं की पोषणीयता को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने हिंदू पक्ष की सिविल वाद की पोषणीयता वाली याचिकाओं को मंजूर कर लिया और मुस्लिम पक्ष की याचिकाओं को खारिज कर दिया है। मुस्लिम पक्ष ने अपनी याचिका में यह दावा किया था कि 1968 के समझौते के तहत शाही ईदगाह मस्जिद और कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के बीच हुए समझौते को वैध माना जाए और इसके आधार पर विवाद को समाप्त किया जाए। लेकिन हिन्दू पक्ष ने यह दावा किया कि यह समझौता अवैध है और इसे निरस्त किया जाना चाहिए। हिन्दू पक्ष का कहना है कि कृष्ण जन्मभूमि की जमीन पर मस्जिद का निर्माण अवैध रूप से किया गया था और इसे हटाया जाना चाहिए। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि यह मामला पहले से ही निचली अदालत में लंबित है और वहां इस पर विचार किया जा रहा है। हाईकोर्ट ने निचली अदालत के समक्ष मुस्लिम पक्ष को अपनी बात रखने का निर्देश दिया और इस प्रकार उच्च न्यायालय ने इस याचिका को सुनवाई योग्य नहीं माना। मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि इस मामले में निचली अदालत का निर्णय आने तक उच्च न्यायालय को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए था। उनका दावा है कि समझौते के तहत विवाद का समाधान हो चुका है और इसे फिर से उठाने की कोई आवश्यकता नहीं है। हिन्दू पक्ष के वकील ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि यह निर्णय सही दिशा में उठाया गया कदम है और इससे मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि के मामले में न्याय की स्थापना होगी। हिन्दू पक्ष की ओर से यह भी कहा गया है कि वे निचली अदालत में इस मामले को मजबूती से पेश करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि कृष्ण जन्मभूमि की जमीन पर कोई अवैध निर्माण न रहे। कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद का यह विवाद वर्षों से चल रहा है और इससे दोनों समुदायों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। इस निर्णय के बाद दोनों पक्ष सुप्रीम कोर्ट में अपनी-अपनी बात रखेंगे और वहां से जो भी निर्णय आएगा, उसे सभी को मानना होगा। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय महत्वपूर्ण होगा क्योंकि इससे भविष्य में ऐसे मामलों में कानूनी दृष्टिकोण स्पष्ट हो सकेगा। न्यायालय से दोनों पक्षों को यह उम्मीद है कि उन्हें न्याय मिलेगा और यह विवाद समाप्त होगा।