नालंदा में दहेज के लिए नवविवाहिता की हत्या, पति और ससुराल पक्ष फरार
नालंदा। बिहार के नालंदा जिले से एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां दहेज की मांग पूरी न होने पर एक नवविवाहिता की हत्या कर दी गई। यह घटना जिले के चण्डी थाना क्षेत्र के मोकिमपुर गांव की है, जहां 18 वर्षीय गौरी देवी की हत्या कर दी गई। गौरी की शादी इसी साल 12 जुलाई को सुनील कुमार से हुई थी, जो मोकिमपुर गांव का निवासी है। शादी लव मैरिज थी और दोनों के बीच तीन साल का अफेयर था। लेकिन शादी के बाद गौरी को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा, जिससे अंततः उसकी जान चली गई।
दहेज की मांग और प्रताड़ना
घटना के पीछे का मुख्य कारण ससुराल पक्ष की ओर से दहेज की लगातार मांग थी। गौरी के परिवार पर ससुराल पक्ष द्वारा बाइक, नगद राशि और ज्वेलरी देने का दबाव डाला जा रहा था। जब यह मांग पूरी नहीं हुई, तो गौरी के साथ मारपीट की गई और अंततः उसका गला घोंटकर हत्या कर दी गई। गौरी के भाई विकास कुमार के अनुसार, उसकी बहन को पहले बेरहमी से पीटा गया और फिर उसे फंदे से लटकाकर आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई। यह घटना तब प्रकाश में आई जब ग्रामीणों ने विकास कुमार को इसकी जानकारी दी।
घटना की जानकारी और परिवार की प्रतिक्रिया
गौरी के भाई विकास को जब घटना की सूचना मिली, तो वह तुरंत अपनी बहन के ससुराल की ओर निकला। लेकिन रास्ते में बेलछी गांव में उसे एंबुलेंस मिली, जिसमें उसकी बहन की लाश रखी हुई थी। विकास के अनुसार, ससुराल वाले शव को ठिकाने लगाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन समय रहते पुलिस और परिवार को इसकी जानकारी मिल गई। यह घटना नालंदा जिले के लिए एक और दर्दनाक उदाहरण है, जहां दहेज के लिए नवविवाहिताओं की हत्या की घटनाएं सामने आ रही हैं। परिवार वालों के अनुसार, गौरी को शादी के बाद से ही दहेज के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था। ससुराल पक्ष की लगातार मांगों के चलते गौरी मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित थी, जिसका अंत उसकी हत्या के रूप में हुआ।
लव मैरिज और तीन साल का संबंध
गौरी और सुनील की शादी एक लव मैरिज थी। तीन साल पहले दोनों के बीच प्रेम संबंध शुरू हुआ था। सुनील के बड़े भाई की शादी गौरी की ममेरी बहन से हुई थी, जिससे गौरी और सुनील एक-दूसरे से मिले और धीरे-धीरे उनके बीच प्रेम संबंध बन गया। हालांकि, इस प्रेम संबंध का अंत दुखद तरीके से हुआ। शादी के बाद से ही गौरी के लिए जीवन कठिन होता चला गया। ससुराल वालों ने उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया, और अंततः उसकी जान ले ली गई।
पुलिस की कार्रवाई और ससुराल पक्ष फरार
घटना के बाद से पति सुनील कुमार और उसके परिवार के सदस्य फरार हो गए हैं। पुलिस ने गौरी के पति सहित कुल 8 लोगों के खिलाफ दहेज हत्या का मामला दर्ज किया है। चण्डी थाना अध्यक्ष सुमन कुमार ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस द्वारा छापेमारी की जा रही है। फिलहाल सभी आरोपी घर छोड़कर भाग चुके हैं और पुलिस उनके ठिकानों का पता लगाने की कोशिश कर रही है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया था। पोस्टमॉर्टम के बाद शव को गौरी के परिजनों को सौंप दिया गया है। पुलिस पूरे मामले की गहनता से छानबीन कर रही है और जल्द से जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी का दावा कर रही है।
दहेज हत्या की बढ़ती घटनाएं
यह घटना बिहार में दहेज के लिए की जा रही हत्याओं की कड़ी में एक और उदाहरण है। बिहार जैसे राज्य में दहेज प्रथा आज भी गहरे तक जमी हुई है, और आए दिन ऐसी घटनाएं सामने आती हैं, जहां दहेज की मांग पूरी न होने पर नवविवाहिताओं को प्रताड़ित किया जाता है या उनकी हत्या कर दी जाती है। सरकार और समाज को इस प्रथा के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है। दहेज एक सामाजिक बुराई है जो महिलाओं के जीवन को खतरे में डालती है। इस प्रथा को रोकने के लिए कड़े कानून और जागरूकता अभियानों की आवश्यकता है ताकि महिलाओं को सुरक्षित और सम्मानित जीवन जीने का अधिकार मिल सके। नालंदा में घटित इस घटना ने फिर से यह साबित कर दिया है कि दहेज प्रथा आज भी महिलाओं के जीवन पर कहर बरपा रही है। गौरी देवी की हत्या ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। यह घटना न केवल न्याय व्यवस्था के लिए एक चुनौती है, बल्कि समाज को भी आत्ममंथन करने के लिए मजबूर करती है। अब देखना यह होगा कि पुलिस इस मामले में कितनी तेजी से कार्रवाई करती है और आरोपियों को सजा दिलाती है, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।