November 22, 2024

बांका में दहेज के लिए विवाहिता की गला दबाकर हत्या, वारदात के बाद ससुराल वाले फरार

बांका। बिहार के बांका जिले के रजौन थाना क्षेत्र से दहेज के कारण एक महिला की हत्या का दर्दनाक मामला सामने आया है। मृतका की पहचान चकरोशन गांव निवासी पूजा देवी के रूप में हुई है। पूजा की गला दबाकर हत्या की गई, और इस घृणित घटना के बाद ससुराल पक्ष के सभी सदस्य फरार हो गए। पूजा देवी, स्वर्गीय सौरभ कुमार की पत्नी थीं, जिनका एक साल पहले निधन हो गया था। पति की मृत्यु के बाद, परिवार की सहमति से पूजा ने अपने देवर अभिषेक से दो महीने पहले शादी की। हालांकि, यह शादी अभिषेक के माता-पिता और अन्य परिजनों को स्वीकार नहीं थी। शादी के बाद से ही पूजा पर दहेज में पैसे लाने का दबाव बनाया जा रहा था। मृतका के मायके वालों के अनुसार, ससुराल पक्ष पूजा को लगातार प्रताड़ित कर रहा था। पूजा ने दहेज की मांग का विरोध किया, जिसके बाद गुरुवार की रात उसकी गला दबाकर हत्या कर दी गई। घटना की जानकारी मिलने के बाद पूजा के मायके वाले तुरंत ससुराल पहुंचे। वहां उन्होंने देखा कि पूजा का शव खाट पर पड़ा हुआ था। परिजनों का आरोप है कि ससुराल वालों ने दहेज के लिए उसकी हत्या की है। उन्होंने बताया कि शादी के बाद से ही पूजा पर अत्याचार किया जा रहा था, लेकिन उसने कभी मायके वालों से इसकी शिकायत नहीं की। घटना की जानकारी मिलने के बाद मृतका के परिजन पूजा का शव लेकर रजौन थाना पहुंचे और पुलिस को पूरे मामले से अवगत कराया। थाना प्रभारी रवि कुमार और पुलिस बल ने घटनास्थल का दौरा किया, लेकिन तब तक ससुराल पक्ष के सभी सदस्य फरार हो चुके थे। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। थाना प्रभारी चंद्रदीप कुमार ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि महिला की गला दबाकर हत्या की गई है। मृतका के मायके वालों की शिकायत पर दहेज हत्या का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है। यह घटना न केवल परिवार की व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि समाज में व्याप्त दहेज प्रथा की एक और दर्दनाक तस्वीर पेश करती है। दहेज के कारण विवाहिता की हत्या होना यह दर्शाता है कि समाज में यह कुप्रथा अभी भी गहराई से जमी हुई है।  पूजा देवी के मामले में, दहेज के नाम पर एक महिला को अपनी जान गंवानी पड़ी। इस तरह की घटनाएं यह सवाल उठाती हैं कि महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों के प्रति समाज और कानून कितना जागरूक और जिम्मेदार है। दहेज हत्या की घटनाएं भारत में दहेज निषेध कानून (1961) और भारतीय दंड संहिता की धारा 304B और 498A जैसे कड़े प्रावधानों के बावजूद जारी हैं। इस घटना में भी पुलिस की त्वरित कार्रवाई और आरोपियों की गिरफ्तारी ही पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का एकमात्र उपाय है। इस तरह की घटनाएं समाज के लिए चेतावनी हैं कि दहेज प्रथा के खिलाफ सामूहिक रूप से कदम उठाने की जरूरत है। परिवारों को यह समझना होगा कि विवाह संबंध आर्थिक लेन-देन का मामला नहीं है। इसके साथ ही, महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए ताकि वे इस तरह की प्रताड़ना का शिकार होने से पहले आवाज उठा सकें। बांका में हुई यह घटना समाज के लिए एक गहरी चोट है। पूजा देवी की हत्या दहेज प्रथा के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता को रेखांकित करती है। अब यह प्रशासन और कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी है कि वह दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कठोर सजा दिलाए। समाज को भी यह समझना होगा कि दहेज जैसी कुप्रथा केवल महिलाओं के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे परिवार और समाज के लिए घातक है। इस घटना को बदलाव का आह्वान मानते हुए, हर परिवार को दहेज प्रथा के खिलाफ एकजुट होना चाहिए। तभी ऐसी त्रासदियों को रोका जा सकेगा।

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