नवादा में प्रेम प्रसंग में युवक की हत्या, डैम से मिली लाश, गला और कलाई काटकर फेंकी
- परिजन बोले…प्रेम-प्रसंग को लेकर मिल रही थी धमकियां…जांच में जुटी पुलिस
नवादा। बिहार के नवादा जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां प्रेम-प्रसंग के चलते एक युवक की गला और कलाई काटकर हत्या कर दी गई। पकरीबरामा प्रखंड के बढौना गांव के डैम में 15 दिसंबर को युवक का शव मिलने के बाद से इलाके में सनसनी फैल गई। मृतक की पहचान शेखपुरा जिले के ओनमा गांव निवासी सनी सुमन (पुत्र साकेत कुमार पटेल) के रूप में हुई। घटना ने इलाके में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है। स्थानीय लोगों ने डैम में शव देखने के बाद पुलिस को सूचना दी। शव की पहचान मृतक के परिजनों ने सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर के आधार पर की। परिजनों ने बताया कि सनी की हत्या बेहद निर्ममता से की गई। हत्या के बाद शव को डैम में फेंक दिया गया। शव पर चोट के गहरे निशान थे और गला व कलाई काटी गई थी, जिससे यह साफ होता है कि हत्या सोची-समझी साजिश के तहत की गई। मृतक के पिता ने हत्या के पीछे प्रेम-प्रसंग का शक जताया है। उन्होंने बताया कि सनी गांव की एक लड़की से बातचीत करता था, जिससे नाराज होकर गांव के चार-पांच लोगों ने उसे पहले भी धमकियां दी थीं। पिता के अनुसार, घटना के कुछ दिनों पहले भी सनी को धमकियां मिली थीं, लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। परिजनों का कहना है कि सनी को लड़की के परिवार या उनके परिचितों ने धमकाया था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया। साथ ही, हत्या के पीछे के कारणों की जांच शुरू कर दी गई है। प्रभारी थानाध्यक्ष दीपक राउत ने बताया कि मामले की तह तक पहुंचने के लिए सभी संभावित पहलुओं की जांच की जा रही है। पुलिस ने अपराधियों की तलाश में टीम गठित की है और जल्द ही मामले का खुलासा करने का आश्वासन दिया है। घटना के बाद से इलाके में दहशत का माहौल है। स्थानीय लोग अलग-अलग तरह की अटकलें लगा रहे हैं। कुछ का मानना है कि सनी की हत्या व्यक्तिगत रंजिश के तहत की गई, जबकि अन्य इसे प्रेम-प्रसंग से जुड़ा मामला बता रहे हैं। मृतक के पिता साकेत कुमार पटेल का कहना है कि उनका बेटा निर्दोष था और उसे बेवजह इस निर्मम हत्या का शिकार बनाया गया। उन्होंने प्रशासन से अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने और कठोर सजा देने की मांग की है। परिजनों का कहना है कि अगर पुलिस पहले ही धमकियों को गंभीरता से लेती, तो शायद सनी की जान बचाई जा सकती थी। शव की पहचान सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों के जरिए हुई, जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि हत्या के बाद अपराधियों ने जानबूझकर इसे सार्वजनिक किया हो। इससे यह मामला और अधिक रहस्यमय हो गया है। इस घटना ने एक बार फिर से प्रेम-प्रसंग के मामलों में बढ़ती हिंसा और सामाजिक असहिष्णुता को उजागर किया है। बिहार जैसे राज्यों में, जहां जातीय और सामाजिक परंपराओं का गहरा प्रभाव है, प्रेम-प्रसंग से जुड़े मामलों में तनाव और हिंसा की घटनाएं अक्सर सामने आती हैं। यह घटना समाज के उस रूढ़िवादी पक्ष को भी दिखाती है, जो व्यक्तिगत स्वतंत्रता और आपसी रिश्तों को स्वीकार करने में असमर्थ है। इस घटना में पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। परिजनों के आरोपों और धमकियों के इतिहास को ध्यान में रखते हुए जांच को सही दिशा में ले जाने की जरूरत है। पुलिस को न केवल अपराधियों को पकड़कर सजा दिलानी चाहिए, बल्कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए समाज में जागरूकता फैलाने की भी पहल करनी चाहिए। सनी सुमन की हत्या केवल एक व्यक्ति की मौत नहीं, बल्कि समाज में व्याप्त असहिष्णुता और हिंसा की समस्या को उजागर करती है। यह घटना इस बात की ओर इशारा करती है कि पारिवारिक और सामाजिक तनावों के चलते व्यक्तिगत जीवन पर कैसे खतरा मंडरा सकता है। पुलिस और प्रशासन को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि भविष्य में ऐसी दर्दनाक घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। परिजनों को न्याय मिलने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा, लेकिन यह घटना समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी है।