मधेपुरा में अवैध संबंध में हत्या, पति ने पत्नी को तलवार से काट डाला, कमरे पर कबूला जुर्म

मधेपुरा। बिहार के मधेपुरा जिले के चौसा थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां पति ने अवैध संबंध के शक में अपनी पत्नी की बेरहमी से हत्या कर दी। यह घटना सोमवार देर रात की है और इसमें आरोपी पति बादल ने तलवार से पत्नी अंजली कुमारी का गला रेतकर उसे मौत के घाट उतार दिया।
डेढ़ साल पहले हुई थी शादी, एक साल की बच्ची भी
अंजली कुमारी और बादल की शादी को मात्र डेढ़ साल हुए थे और दोनों की एक साल की मासूम बच्ची भी है। अंजली खगड़िया जिले के गोगरी जमालपुर के मुश्कीपुर की रहने वाली थी। शादी के बाद से ही पति-पत्नी के बीच संबंधों में खटास आ गई थी।
पुराने प्रेम संबंधों को लेकर था विवाद
बताया जा रहा है कि अंजली का शादी से पहले एक युवक से प्रेम संबंध था, जो शादी के बाद भी किसी न किसी रूप में जारी रहा। बादल को इस पर शक था और शादी के बाद भी अंजली का व्यवहार उसे संदेहास्पद लगता था। बादल का आरोप है कि अंजली ने पहले प्रेमी को छोड़कर अब किसी और युवक से बातचीत शुरू कर दी थी, जिससे उसके अंदर गुस्सा और असुरक्षा की भावना पनपने लगी थी।
हत्या के बाद कबूला जुर्म
घटना के बाद बादल घर से फरार हो गया और पास के खेत में जाकर छिप गया। मंगलवार सुबह जब उसे प्यास लगी तो वह खेत से बाहर आया और पानी पीने गया। तभी ग्रामीणों ने उसे देख लिया और पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। बादल ने कैमरे के सामने अपना जुर्म कबूल कर लिया और बताया कि उसने गुस्से और अपमान की भावना में आकर इस घिनौने अपराध को अंजाम दिया।
ग्रामीणों की प्रतिक्रिया और पुलिस की कार्रवाई
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि अंजली एक शांत स्वभाव की महिला थी और वह अपने पति और बच्ची के साथ सामान्य जीवन व्यतीत कर रही थी। उसके सास-ससुर मजदूरी के लिए पंजाब गए हुए हैं और बादल भी पहले वहीं मजदूरी करता था, लेकिन पांच महीने पहले वह मधेपुरा लौटा था। चौसा थानाध्यक्ष अमित कुमार राय ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पारिवारिक विवाद और अवैध संबंधों की बात सामने आई है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और बाद में परिजनों को सौंप दिया गया है। घटनास्थल से फोरेंसिक टीम ने कई सबूत इकट्ठे किए हैं, जिससे हत्या के कारणों और घटनाक्रम को और स्पष्ट किया जा सकेगा। यह मामला न केवल एक दर्दनाक पारिवारिक त्रासदी को दर्शाता है, बल्कि समाज में बढ़ती असहिष्णुता और भावनात्मक असंतुलन की स्थिति की भी गवाही देता है।

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