December 15, 2024

शंकर आई फाऊंडेशन और बिहार सरकार के बीच नेत्र अस्पताल को लेकर हुआ एमओयू, मुख्यमंत्री रहे मौजूद

  • सीएम बोले- प्रदेश में नेत्र अस्पताल बनने से स्वास्थ्य सेवाओं में होगा क्रांतिकारी बदलाव, जल्द से जल्द पूरा होगा काम
  • कंकड़बाग में बनेगा शानदार नेत्र अस्पताल, मिलेगी कई हाईटेक सुविधा, जल्द शुरू होगा निर्माण

पटना। बिहार में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए, राजधानी पटना में विश्व स्तरीय नेत्र अस्पताल शंकरा नेत्रालय की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग और कोयंबटूर स्थित शंकर आई फाउंडेशन इंडिया के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए। यह अस्पताल पटना के कंकड़बाग क्षेत्र में 18 महीनों के भीतर बनकर तैयार होगा और नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा। बिहार सरकार का यह कदम न केवल राज्य में नेत्र चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ावा देगा, बल्कि जरूरतमंद मरीजों के लिए गुणवत्तापूर्ण और किफायती नेत्र देखभाल सुनिश्चित करेगा। कोयंबटूर स्थित शंकर आई फाउंडेशन इंडिया नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित नाम है। यह फाउंडेशन देशभर में नेत्र चिकित्सा के उन्नत केंद्रों के निर्माण और संचालन के लिए जाना जाता है। पटना में बनने वाला यह शंकरा नेत्रालय भी अत्याधुनिक उपकरणों और चिकित्सा सुविधाओं से लैस होगा। यह अस्पताल न केवल स्थानीय बल्कि पूरे बिहार और पड़ोसी राज्यों के मरीजों के लिए नेत्र चिकित्सा का प्रमुख केंद्र बनेगा। यहां आंखों से संबंधित जटिल समस्याओं का इलाज किया जाएगा, जिसमें मोतियाबिंद, रेटिना संबंधी बीमारियां, कॉर्निया ट्रांसप्लांट, और ग्लूकोमा जैसी गंभीर समस्याएं शामिल हैं। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर का यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में संपन्न हुआ। इस दौरान उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, मंत्री विजय कुमार चौधरी, और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भी उपस्थित रहे। बिहार सरकार के अधिकारी और शंकर आई फाउंडेशन के प्रतिनिधियों ने एमओयू का आदान-प्रदान किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस अवसर पर कहा कि शंकरा नेत्रालय जैसे अस्पताल का निर्माण राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह अस्पताल बिहार के लाखों लोगों को नेत्र स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगा और राज्य को चिकित्सा क्षेत्र में एक नई पहचान देगा।
नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में बड़ा कदम
बिहार जैसे राज्य में, जहां स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार बेहतर बनाने की आवश्यकता है, शंकरा नेत्रालय की स्थापना एक महत्वपूर्ण कदम है। यह अस्पताल न केवल नेत्र चिकित्सा में राज्य के लोगों की जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि मेडिकल टूरिज्म को भी बढ़ावा देगा। इसके साथ ही, अस्पताल की स्थापना से रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
मंत्रिमंडल की बैठक में नेत्र अस्पताल के निर्माण को मिली थी मंजूरी
इसी महीने 3 दिसम्बर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में नेत्र अस्पताल के निर्माण पर फैसला लिया था। कोयंबटूर स्थित शंकर आई फाउंडेशन इंडिया इस अस्पताल का निर्माण करेगी।अस्पताल के निर्माण के लिए कोयंबटूर स्थित शंकर आई फाउंडेशन इंडिया को 99 साल के पट्टे पर 1.6 एकड़ जमीन हस्तांतरित करने के लिए राज्य आवास बोर्ड को भुगतान के वास्ते 48 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी है। यह अस्पताल 18 महीने में बनकर तैयार हो जाएगा। वहीं, कैबिनेट की बैठक में तय किया गया था कि अति विशिष्ट नेत्र अस्पताल की स्थापना एवं संचालन हेतु बिहार राज्य आवास बोर्ड, पटना के कंकड़बाग अवस्थित भू-खण्ड रकबा 1.60 एकड़ को स्वास्थ्य विभाग, बिहार, पटना को हस्तांतरित करने हेतु 48.00 (अड़तालीस) करोड़ की राशि स्वीकृत की जाती है। अब इसी जमीन को स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से नामांकन के आधार पर 99 वर्ष की लीज पर शंकरा आई फाउण्डेशन इंडिया, कोयम्बटूर को एक रूपये मात्र की टोकन राशि में सशर्त उपलब्ध कराने को मंजूरी दी गई। इधर, इस समझौते को लेकर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि यह बड़ी उपलब्धि है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लगातार काम हो रहा ह। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी पहल की थी और मुख्यमंत्री ने तुरंत इस पर विचार किया और जमीन में उपलब्ध करा दिया गया। अब आने वाले दिनों में निश्चित तौर पर जब अस्पताल बन जाएगा तो बिहार के लोगों को एक बहुत बड़ा तोहफा मिल जाएगा।
सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
शंकरा नेत्रालय की स्थापना का सामाजिक और आर्थिक प्रभाव भी व्यापक होगा। यह अस्पताल गरीब तबके के लोगों को उन्नत चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराएगा, जो अब तक इलाज के लिए दूसरे राज्यों में जाने को मजबूर थे। इसके अलावा, यह परियोजना स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगी और स्वास्थ्य क्षेत्र में बिहार की छवि को राष्ट्रीय स्तर पर उभारेगी। शंकरा नेत्रालय की स्थापना बिहार के स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी। सरकार और शंकर आई फाउंडेशन के बीच हुआ यह समझौता राज्य के लोगों को गुणवत्तापूर्ण नेत्र चिकित्सा सेवाएं प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार की यह पहल स्वास्थ्य क्षेत्र में विकास की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है, जो आने वाले वर्षों में लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाएगी।

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