राज्य से 11 के बाद विदा होगा मानसून, पटना समेत कई जिलों का बढ़ेगा तापमान
पटना। बिहार में मानसून का समय धीरे-धीरे समाप्ति की ओर बढ़ रहा है। मौसम विभाग ने राज्य से 11 अक्टूबर के बाद मानसून की विदाई की संभावना जताई है। इस विदाई के बाद प्रदेश के कई हिस्सों में तापमान में वृद्धि देखने को मिल सकती है। पटना समेत राज्य के अन्य जिलों में फिलहाल किसी भी प्रकार की भारी बारिश या आकाशीय बिजली गिरने का अलर्ट नहीं है। वर्तमान में मौसम सामान्य रहेगा, हालांकि तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, अधिकतम तापमान में 1 से 2 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हो सकती है, जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य बना रहेगा। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, बिहार के उत्तर-पूर्व हिस्से में साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन रहा है, जिसका प्रभाव इस सप्ताह देखने को मिलेगा। हालांकि, इसका प्रभाव अधिकतर स्थानों पर हल्का रहेगा। मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसके पटेल के अनुसार, यदि 4 से 5 दिनों तक बारिश नहीं होती है और पश्चिमी हवा चलने लगती है तो इसे मानसून की विदाई माना जाएगा। फिलहाल, राज्य के अधिकांश हिस्सों में मानसून की गतिविधि कमजोर पड़ी हुई है। पिछले 24 घंटों के दौरान गोपालगंज राज्य का सबसे गर्म जिला रहा। यहां का अधिकतम तापमान 35.01 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। इसके अलावा, राजधानी पटना का अधिकतम तापमान 32.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। मौसम में अचानक आई इस गर्मी का कारण मानसून का कमजोर होना और पश्चिमी हवा का प्रभाव माना जा रहा है। आने वाले दिनों में तापमान में और बढ़ोतरी होने की संभावना है। बिहार में इस साल बारिश के आंकड़े सामान्य से कम रहे हैं। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 1 जून से लेकर अब तक राज्य में लगभग 20 प्रतिशत कम बारिश रिकॉर्ड की गई है। विशेष रूप से सारण, वैशाली, मुजफ्फरपुर, और समस्तीपुर जैसे जिलों में बारिश की कमी देखी गई है। सारण जिले में 53 प्रतिशत, वैशाली में 49 प्रतिशत, मुजफ्फरपुर में 46 प्रतिशत, और समस्तीपुर में 44 प्रतिशत कम बारिश हुई है। ये जिले आपस में जुड़े हुए हैं और गंगा के मैदानी क्षेत्र में स्थित हैं, जहां इस साल सामान्य से कम बारिश हुई है। बारिश की इस कमी का असर कृषि पर भी पड़ा है। खेतों में पानी की कमी के कारण फसलों की वृद्धि धीमी रही है। किसान, जिनकी फसलें अच्छी बारिश पर निर्भर करती हैं, इस साल परेशान हुए हैं। विशेष रूप से धान जैसी फसलों को सही मात्रा में पानी नहीं मिल पाने के कारण उनकी पैदावार पर असर पड़ा है। सरकार और कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे वैकल्पिक उपायों का सहारा लें, जैसे कि सिंचाई के लिए तालाब या नहरों का उपयोग। मौसम विभाग के अनुसार, राज्य के अधिकांश हिस्सों में अगले कुछ दिनों तक मौसम शुष्क रहेगा और तापमान में हल्की वृद्धि हो सकती है। मानसून की विदाई के बाद हवा में नमी कम होने लगेगी और तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी हो सकती है। इस दौरान रात का तापमान सामान्य रहेगा, जिससे लोगों को कुछ राहत मिल सकती है। हालांकि, दिन में गर्मी का एहसास होगा, विशेष रूप से उन जिलों में जहां मानसून की बारिश कम हुई है। मानसून के समाप्त होने के साथ ही राज्य के सामने कई चुनौतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। जलस्तर में कमी, खेतों में सिंचाई की समस्या और पानी की कमी से किसानों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सरकार को इस स्थिति से निपटने के लिए पहले से ही तैयार रहना होगा। बिहार में जलस्तर को स्थिर बनाए रखने और फसलों को पानी उपलब्ध कराने के लिए किसानों को जल संरक्षण के उपायों के बारे में जागरूक करने की जरूरत है। हालांकि मानसून विदाई की स्थिति में है, लेकिन मौसम विभाग ने यह चेतावनी भी दी है कि अगले कुछ दिनों में मौसम में अचानक बदलाव भी हो सकता है। उत्तर-पूर्व हिस्से में बन रहे साइक्लोनिक सर्कुलेशन का प्रभाव प्रदेश के कुछ हिस्सों में देखने को मिल सकता है। इसका अर्थ यह है कि हल्की बारिश और बादल छाए रहने की स्थिति भी बन सकती है। इसलिए लोगों को सतर्क रहने और मौसम की गतिविधियों पर नजर रखने की सलाह दी गई है। बिहार में मानसून की विदाई और तापमान में हो रही वृद्धि के साथ मौसम में बदलाव देखा जा रहा है। किसानों को इस बदलते मौसम के अनुसार अपनी कृषि रणनीति में बदलाव करने की आवश्यकता है। राज्य के कुछ हिस्सों में बारिश की कमी ने कृषि उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। ऐसे में सरकार और कृषि वैज्ञानिकों को मिलकर किसानों को सहायता प्रदान करने की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि मौसम में हो रहे इन परिवर्तनों का सामना आसानी से किया जा सके।