मानसून पड़ा कमजोर, घटने लगा नदियों का जलस्तर, कहीं-कहीं होगी बारिश
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मुजफ्फरपुर । बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव का क्षेत्र कम होने से मानसून कमजोर हो गई है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, यह स्थिति कम से कम 28 जून तक रहने वाली है। इस दौरान कहीं-कहीं छिटपुट बारिश हो सकती है। वहीं, अब बारिश नहीं होने से नदियों का जलस्तर घटने लगा है। जिले के साहेबगंज के विस्थापित भी घरों को वापस जाने लगे हैं।
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पूसा स्थित राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के नोडल अधिकारी ने मानसून कमजोर पड़ने की जानकारी दी है। नोडल अधिकारी ए सत्तार ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बना था, जिससे उत्तर प्रदेश व बिहार में मानसून जोरदार ढंग से सक्रिय था। अब निम्न दबाव के क्षेत्र का प्रभाव अचानक कम हो गया है और बिहार में मानसून की सक्रियता काफी घट गई है।
उन्होंने आंशका जताई है कि यह स्थिति कम से कम 28 जून तक रह सकती है। 28 जून के बाद मानसून के एक बार फिर सक्रिय होने की संभावना है। इस बीच मुजफ्फरपुर सहित बिहार के अलग-अलग हिस्सों में छिटपुट बारिश ही होगी। मॉनसून की शुरुआत में जिस तरह बारिश ने जोर पकड़ा था, फिलहाल अब वैसी स्थिति नहीं रह गई है। हल्के बादल व धूप के साथ हवा में नमी के कारण गर्मी व उमस बढ़ने की संभावना है।
लगातार दो दिन बारिश रुकने के बाद जिले की तीनों नदियों के जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है। बूढ़ी गंडक नदी में मंगलवार को हल्की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन पिछले दिनों से जारी बढ़ोतरी की रफ्तार में कमी आई है। बूढ़ी गंडक का जलस्तर मंगलवार को 51.13 मीटर मापा गया, जबकि इस नदी के खतरे का निशान 52.53 मीटर है।
वहीं, गंडक नदी के जलस्तर में कमी दर्ज की गई है। गंडक का जलस्तर मंगलवार को 53.91 मीटर मापा गया, जबकि इसके खतरे का निशान 54.41 मीटर है। वहीं, बागमती का जलस्तर भी 53 मीटर मापा गया है, जबकि इसका खतरे का निशान 55.23 मीटर है।