PATNA : पहली बारिश में बेहाल हुआ मोइनुल हक स्टेडियम, पानी निकलने का कोई भी व्यवस्था नही
पटना। राजधानी पटना के गर्दनीबाग रोड नंबर चार स्थित संजय गांधी स्टेडियम में बारिश का पानी भर चुका है, जिसके कारण ग्राउंड पूरी तरीके से खराब हो चुका है। ग्राउंड में इतना ज्यादा पानी है, की क्रिकेट पिच दिखाई नहीं दे रहा है। ग्राउंड बिल्कुल तालाब के जैसा नजर आ रहा है। जिसके कारण फुटबॉल और क्रिकेट के कई मैचों को रद्द कर दिया गया है। स्टेडियम कर्मचारी ग्राउंड को सही करने के लिए पानी निकालने की कोशिश कर रही है लेकिन पानी इतना ज्यादा अधिक है कि हालात में कोई बदलाव नजर नहीं आ रहा है। कुछ ऐसा ही हाल राजधानी पटना के राजेंद्र नगर स्थित मोइनुल हक स्टेडियम का है, जो की शहर का सबसे पुराने स्टेडियम में से एक है। यहां पर प्रतिदिन 1 हजार से ज्यादा खिलाड़ी आकार प्रैक्टिस करते हैं। लेकिन हल्की बारिश में ही स्टेडियम में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, और स्टेडियम से पानी निकलने का कोई भी व्यवस्था नही है।
शहर के सबसे निचले हिस्से राजेंद्र नगर में स्थित है मोइनुल हक स्टेडियम
मोइनुल हक स्टेडियम राजेंद्र नगर इलाके में स्थित है यह शहर का सबसे निचला हिस्सा माना जाता है यहां हल्की बारिश में भी जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। स्टेडियम से पानी निकासी करने की कोई व्यवस्था नहीं है। पिछले साल से लेकर अब तक हालात में कुछ भी सुधार देखने को नहीं मिला है। स्टेडियम में जल जमाव होने के कारण मैदान की मिट्टी खराब हो जाती है, बाद में इसको मरम्मत करने में काफी समय लग जाता है। यहां पर सवाल यह उठता है कि एक तो ऐसे ही पटना में खेलने के लिए कोई भी स्टेडियम अच्छे स्थिति में नहीं है, और जो भी स्टेडियम है, अगर बारिश होती है तो जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, जिसके कारण लगभग 10 दिनों का खेल प्रभावित होता है, आखिर इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।
ग्राउंड है पर उसका मेंटेनेंस तक नहीं
दोनों ही स्टेडियम में पानी भरा होने के कारण पिछले कई दिनों से चल रहे पुरोहित दयाल अंडर 13 टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले को कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया है, साथ ही संजय गांधी स्टेडियम में चल रहे जेनिथ कॉमर्स कप के मुकाबले को भी स्थगित कर दिया गया है।वहीं वहां के देखरेख करने वाले शुभम कुमार का कहना है कि महज 1 घंटे बड़की बारिश में स्टेडियम में लगभग घुटने तक पानी जमा हो जाता है। पानी को निकालने के लिए पंपिंग सेट चलाना पड़ता है स्टेडियम से पानी निकासी में लगभग 8 से 10 घंटे तक का समय लग जाता है। वही, राज्य सरकार का खेल को लेकर रवैया हमेशा उदासीन भरा रहा है।