February 5, 2025

पीएम मोदी ने महाकुंभ के संगम में लगाई डुबकी, साधु संतों से करेंगे मुलाकात, सुरक्षा के भारी इंतजाम

प्रयागराज। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में बुधवार को एक ऐतिहासिक दृश्य देखने को मिला, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई। उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। इस अवसर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, ताकि प्रधानमंत्री की यात्रा में कोई बाधा न आए और श्रद्धालुओं को भी कोई परेशानी न हो।
पीएम मोदी का भव्य स्वागत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष विमान जब प्रयागराज के बमरौली एयरपोर्ट पर उतरा, तो राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। एयरपोर्ट से वे हेलिकॉप्टर के माध्यम से डीपीएस के हेलिपैड पहुंचे, जहां से उनका काफिला संगम के वीआईपी घाट की ओर रवाना हुआ।
संगम स्नान और सूर्य को अर्घ्य
प्रधानमंत्री मोदी जब संगम क्षेत्र पहुंचे, तो उन्होंने भगवा वस्त्र धारण कर रखा था। उनके गले में रुद्राक्ष की माला थी, जिससे उनकी धार्मिक आस्था साफ झलक रही थी। मंत्रोच्चारण के बीच उन्होंने अकेले ही संगम में डुबकी लगाई। इसके बाद, उन्होंने सूर्य को अर्घ्य दिया और करीब 5 मिनट तक मंत्र जाप करते हुए सूर्य पूजा की। इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ भी उनके साथ थे और उन्होंने पीएम मोदी को महाकुंभ की विभिन्न व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी।
मोटर बोट से संगम यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी मोटर बोट के माध्यम से संगम पहुंचे। बोट यात्रा के दौरान, दोनों नेताओं ने आपस में चर्चा की और योगी आदित्यनाथ ने उन्हें महाकुंभ की तैयारियों और व्यवस्थाओं के बारे में विस्तार से बताया। पीएम मोदी की यात्रा के कारण संगम क्षेत्र में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए थे। पैरामिलिट्री फोर्स को भी तैनात किया गया था, ताकि सुरक्षा चाक-चौबंद बनी रहे।
साधु-संतों से मुलाकात और आध्यात्मिक संवाद
संगम स्नान के बाद पीएम मोदी ने महाकुंभ में मौजूद साधु-संतों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने संत समाज से धार्मिक, सामाजिक और आध्यात्मिक विषयों पर चर्चा की। संतों ने पीएम मोदी को आशीर्वाद दिया और देश की प्रगति व शांति के लिए प्रार्थना की।
श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो, इसका रखा गया विशेष ध्यान
प्रधानमंत्री की इस यात्रा के दौरान यह सुनिश्चित किया गया कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। इसी वजह से पीएम मोदी को बमरौली एयरपोर्ट से हेलिकॉप्टर द्वारा अरैल घाट तक लाया गया और वहां से मोटर बोट से संगम तक पहुंचाया गया।
महाकुंभ और इसकी आध्यात्मिक महत्ता
महाकुंभ को दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है। यह हर 144 वर्ष में एक बार आयोजित होता है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु संगम में स्नान कर मोक्ष प्राप्ति की कामना करते हैं। महाकुंभ का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि इसे सनातन परंपरा का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है, जिसमें अध्यात्म, भक्ति और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का महत्व
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महाकुंभ में उपस्थिति कई मायनों में महत्वपूर्ण है। यह देश की सांस्कृतिक विरासत को सम्मान देने का प्रतीक है। उनकी यात्रा से यह संदेश जाता है कि सरकार धार्मिक आयोजनों को बढ़ावा देने और भारतीय संस्कृति व परंपराओं को सशक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महाकुंभ में संगम स्नान, साधु-संतों से मुलाकात और सूर्य पूजा करना भारतीय संस्कृति और आस्था के प्रति उनकी गहरी निष्ठा को दर्शाता है। उनकी इस यात्रा से महाकुंभ को वैश्विक पहचान मिलने की संभावना और बढ़ गई है। श्रद्धालुओं और साधु-संतों ने प्रधानमंत्री का भव्य स्वागत किया और उनके प्रयासों की सराहना की। इस यात्रा से यह भी स्पष्ट होता है कि धर्म, अध्यात्म और संस्कृति को आगे बढ़ाने में सरकार की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।

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