नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस का पीएम मोदी ने किया उद्घाटन, विश्वविद्यालय देश को किया समर्पित, सीएम और राज्यपाल भी रहे मौजूद

नालंदा/पटना। पीएम नरेंद्र मोदी मंगलवार को नालंदा में उन्होंने करीब 15 मिनट तक 1600 साल पुराने प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर का दौरा किया। खंडहर में प्रधानमंत्री 10।03 बजे पहुंचे। 10।24 मिनट पर वे वहां से निकल गए। इसके बाद प्रधानमंत्री प्राचीन नालंदा यूनिवर्सिटी पहुंचे। वहां उन्होंने नालंदा यूनिवर्सिटी के नए स्वरूप को देश को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने यूनिवर्सिटी कैंपस में पौधा भी लगाया। पीएम के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर, बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी नालंदा में मौजूद हैं। कार्यक्रम में 17 देशों के प्रतिनिधि पहुंचे हैं। लोकसभा चुनाव के बाद पीएम मोदी की बिहार में यह पहली सरकारी यात्रा है। माना जा रहा है कि पीएम इस दौरान एनडीए की मजबूती और नीतीश कुमार के साथ एकजुटता का मैसेज भी किया। नालंदा पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने सबसे पहले प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय का भग्नावशेष देखा और उसके इतिहास की पूरी जानकारी ली। नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास, शिक्षा के प्रति भारतीय दृष्टिकोण और इसकी समृद्धि को दर्शाता है। इसका महत्व न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए अनमोल धरोहर के रूप में है। नालंदा विश्वविद्यालय प्राचीन भारत का एक प्रमुख और ऐतिहासिक शिक्षा केंद्र था। लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार बिहार पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी राजगीर स्थित अंतरराष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय परिसर पहुंचे और नए परिसर का उद्घाटन किया। राजगीर के अंतरराष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस में कुल 24 बड़ी इमारतें हैं। परिसर में 40 कक्षाओं वाले दो शैक्षणिक ब्लॉक हैं, जिनकी कुल बैठने की क्षमता लगभग 1900 है। इसमें 300 सीटों की क्षमता वाले दो सभागार हैं। इसमें लगभग 550 छात्रों की क्षमता वाला एक छात्र छात्रावास है। इसमें अंतरराष्ट्रीय केंद्र, 2000 व्यक्तियों तक की क्षमता वाला एम्फीथिएटर, फैकल्टी क्लब और खेल परिसर सहित कई अन्य सुविधाएं भी हैं। यह परिसर एक ‘नेट जीरो’ ग्रीन कैंपस है। यह सौर संयंत्र, घरेलू और पेयजल शोधन संयंत्र, अपशिष्ट जल के पुन: उपयोग के लिए जल पुनर्चक्रण संयंत्र, 100 एकड़ जल निकाय और कई अन्य पर्यावरण अनुकूल सुविधाओं के साथ आत्मनिर्भर रूप से कार्य करता है। नालंदा विश्वविद्यालय के उद्घाटन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “यह हमारे शिक्षा क्षेत्र के लिए बहुत खास दिन है। नालंदा का हमारे गौरवशाली हिस्से से गहरा नाता है। यह विश्वविद्यालय निश्चित रूप से युवाओं की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा।”  नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने वहां पर एक पौधा भी लगाया। बता दें कि नालंदा यूनिवर्सिटी का इतिहास 1600 साल पुराना है। नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस का शिलान्यास 19 सितंबर 2014 को तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने किया था। अब पीएम मोदी ठीक 9 साल बाद दुूनिये के सबसे बड़े ‘जीरो नेट कैंपस’ को देश के लोगों को समर्पित करने जा रहे हैं। यह कैंपस राजगीर की पंच पहाड़ियों में से एक वैभारगिरि की तलहटी के 455 एकड़ के क्षेत्र में 1749 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर गया से लेकर नालंदा तक सुरक्षा कड़ी की गई है। जमीन से आसमान तक अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था की गई है। पीएम मोदी प्राचीन नालंदा महाविहार से सड़क मार्ग होते हुए खाजा नगरी सिलाव एवं कई धर्मों के प्रवर्तकों की कर्मभूमि रही राजगृह होते हुए अंतरराष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय पहुंचे। सिलाव में पीएम मोदी के दौरे को लेकर कर्फ्यू जैसा माहौल रहा, सड़क के दोनों ओर लोगों की भारी भीड़ जमा रही। कार्यक्रम की समाप्ति के बाद पीएम गया होते हुए दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे। नया नालंदा विश्वविद्यालय परिसर, जो पारंपरिक और आधुनिक वास्तुशिल्प तत्वों को एकीकृत करता है, 455 एकड़ में फैला है और इसमें 100 एकड़ जल निकायों के साथ नेट ज़ीरो क्षेत्र शामिल है। हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के सुझाव के बाद 2007 में इस नए विश्वविद्यालय की स्थापना के प्रयास ने गति पकड़ी। सरकार द्वारा 455 एकड़ के प्रावधान और 2010 में संसद के एक विशेष अधिनियम के साथ, विश्वविद्यालय को औपचारिक रूप से एक राष्ट्रीय संस्थान के रूप में स्थापित किया गया था।

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