बिहार में अब बालू माफियाओं की खैर नहीं; खनन विभाग का अपना होगा टास्क फोर्स, बनेगा कंट्रोल रूम
- डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने की घोषणा, खनन पुलिस बल में तैनात होंगे 1278 सशस्त्र पुलिसकर्मी
पटना। बिहार में खनन माफिया की अब खैर नहीं। खान एवं भू तत्व विभाग के समीक्षा बैठक के बाद डिप्टी सीएम सह खनन विभाग के मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि खनन माफिया को लेकर सरकार काफी गंभीर है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं कि बिहार से माफिया गिरी खत्म की जाएगी। उधर डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा है कि बिहार में तीन प्रकार के माफिया सक्रिय हैं जिनमें शराब माफिया, जमीन माफिया और खनन माफिया शामिल हैं। इनकी समाप्ति के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। नीतीश कुमार भी इस मुद्दे पर काफी सख्त और प्रतिबद्ध हैं। बिहार खान एवं भूतत्व विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि ‘सशस्त्र खनन पुलिस बल’ के लिए बिहार औद्योगिक सुरक्षा बल की तर्ज पर दो समर्पित बटालियन बनाई जाएगी। अंतिम योजना/प्रस्ताव के अनुसार ‘खनन पुलिस बल’ में 1,278 सशस्त्र कर्मी शामिल होंगे। भोजपुर और भागलपुर जिलों में जहां अवैध बालू खनन गतिविधियों की अक्सर सूचना मिलती है, वहां खनन पुलिस की स्थायी चौकी बनाने का भी निर्णय लिया गया है। सशस्त्र खनन पुलिस बल को बिहार पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों में हथियारों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। सशस्त्र खनन सुरक्षाकर्मी समन्वय के साथ काम करेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश के बाद खनन विभाग के पिछले 1 साल के कार्यों की समीक्षा की जा रही है। महागठबंधन सरकार में यह विभाग राजद के कोटे में था विजय सिन्हा ने कहा कि माफिया तत्वों का जिस तरह से वर्चस्व बढ़ता जा रहा है उस पर रोक लगाना मुख्यमंत्री का मकसद है। उन्होंने इसे लेकर स्पष्ट निर्देश दिया है कि खनन माफिया में वे लोग शामिल हैं जो बिहार में अराजकता फैला रहे हैं। इन पर कमान कसने के लिए विभाग में कंट्रोल रूम बनाने का निर्देश दिया गया है। यहीं से बालू घाटों पर खनन की गतिविधियों के मॉनिटरिंग की जाएगी। सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे और खनन विभाग का अपना फोर्स होगा। पिछले दिनों माफिया तत्वों ने खनन विभाग के पदाधिकारी पर हमला किया। मंत्री ने कहा कि इस पर रोक लगाने के लिए खनन विभाग अपना फोर्स विकसित करेगा। जिस थाना क्षेत्र में यह घटनाएं हुई हैं वहां के पदाधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी। अन्य दिनों में अवैध खनन को लेकर भी थाना अध्यक्ष जिम्मेदार होंगे। उन्हें इससे संबंधित पत्र जल्द भेजा जाएगा। इधर डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने डीजीपी को निर्देश दिया है कि शराब, जमीन या बालू माफिया को खत्म करने के लिए किसी की पैरवी नहीं सुनें। हर हाल में राज्य को इनसे मुक्ति दिलाना है। राज्य में 80 प्रतिशत अपराध की जड़ ये तीन ताकतें हैं। इसकी चिंता सरकार को है। उन्होंने साफ संदेश दिया है कि ये लोग या तो काम छोड़ दें या राज्य छोड़ दें। बिहार में खनन माफिया का आतंक राज है। नीचे से लेकर ऊपर तक के पदाधिकारी संचालित रहे थानेदार से लेकर आईपीएस ऑफिसर और प्रशासन के बड़े अधिकारियों पर भी कार्रवाई हुई। उनकी सह पर पुलिस और खनन विभाग के अधिकारियों पर माफिया के गुर्गो ने हमले किए। सरकार से जुड़े कई सफेदपोश भी बालू के अवैध खनन में संलिप्त हैं। मंत्री विजय सिन्हा ने कहा है कि सब की पोल खोली जाएगी।